Mahashivratri in Kashi : महाशिवरात्रि (8 मार्च) को लेकर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पूरी तरह से तैयार हो गई है. यहां पर अभी से शिव- पार्वती विवाहोत्सव का उत्सव दिखाई दे रहा है. विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर आरंभ पर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है. टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा के रजत विग्रह का प्रतीक आगमन हुआ है. अयोध्या के रामायणी पं. वैद्यनाथ पांडेय के परिवार से भेजी गई हल्दी संध्याबेला में शिव को लगाई गई और बाबा को खास बनारसी ठंडई, पान और पंचमेवा का भोग लगाया गया. इस मौके पर महिलाएं ढोलक और मंजीरे के साथ मंगल गीत गाते हुए दिखाई दीं.
बसंत पंचमी पर हुआ था तिलकोत्सव
बता दें कि बाबा श्री काशी विश्वनाथ की प्रतिमा तिलकोत्सव बसंत पंचमी पर हुआ था. हल्दी की रस्म के लिए गवनहिरयों की टोली संध्या बेला में महंत आवास पहुंची. बाबा का संजीव रत्न मिश्र ने विशेष राजसी-स्वरूप में श्रृंगार कर भोग लगाया. इसके उपरांत आरती उतारी गई. जहां एक तरफ मंगल गीतों का गान हो रहा था दूसरी तरफ बाबा को हल्दी लगाई जा रही थी. मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान हो रहा था. ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित गीत गाए गए. इस दौरान बाबा के भक्त नाचते हुए दिखाई दे रहे थे.
वृंदावन से आई भक्तों की टोली
बता दें कि शिवांजलि में वृंदावन से आए भक्तों की टोली ने बाबा के हल्दी के उत्सव के बाबा के समक्ष शिव-पार्वती प्रसंग को नृत्य की भंगिमाओं और भावों के माध्यम से जीवंत कर दिया, जिसे लोग देख मंत्रमुग्ध हो गए. नृत्य सेवा की शुरुवात उन्होंने अर्धांग से की और इसके बाद तमाम मंगल गीतों के माध्यम से माता पार्वती और बाबा भोले की महिमा गाई. तो वहीं हल्दी के पारंपरिक शिवगीतों में दूल्हे की खूबियों का बखान किया गया. शिव का सेहरा और पार्वती की मौरी कैसे तैयार की जा रही है. हल्दी की रस्म के बाद नजर उतारने के लिए ‘साठी क चाऊर चूमिय चूमिय..’ गीत गाकर महिलाओं ने भगवान शिव की रजत मूर्ति को चावल से चूमा.
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बता दें कि महाशिवरात्रि को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर सज कर तैयार हो गया है. गत वर्ष की भांति इस बार भी बड़ी संख्या में भक्तों के पहुंचने के कयास के बीच शिवभक्तों की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन तैयारियों में जुटा है. इस बार 5 प्रवेश द्वारों से भक्तों को बाबा विश्वनाथ के दरबार में इंट्री मिलेगी. इसी के साथ ही भक्तों की निकासी के लिए भी अलग अलग रास्तों का चयन किया गया है. काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 के अलावा गंग द्वार, दुढ़ीराज, सरस्वती फाटक और नंदू फारिक गेट से भक्तों को एंट्री मिलेगी. तो वहीं बाबा का लाइव दर्शन भी भक्त कर सकेंगे. वाराणसी शहर के चौराहों पर स्मार्ट सिटी द्वारा लगाए गए एलईडी स्क्रीन पर भक्त शहर के प्रमुख चौराहों पर बाबा के लाइव दर्शन करेंगे. मालूम हो कि इस बार महाशिवरात्रि पर 10 लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन पूजन के लिए काशी आ सकते हैं. इसी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सभी इंतजाम किए हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि 8 मार्च को मंगला आरती से लेकर 9 मार्च को 11 बजे तक लगातार 36 घंटे बाबा विश्वनाथ लाइव दर्शन देंगे. उन्होंने ये भी बताया कि, मंदिर के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर Shri Kashi Vishwanath Temple Trust पर लाइव प्रसारण होगा.
इनपुट-सौरभ अग्रवाल
-भारत एक्सप्रेस
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