खेल

भारतीय क्रिकेट टीम के नए बोलिंग कोच Morne Morkel के साथ तेज गेंदबाजी को मिलेगी नई दिशा

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्केल को भारतीय टीम का नया बॉलिंग कोच बनाया गया है. मोर्केल का अनुबंध 1 सितंबर से शुरू होगा, जिसका मतलब है कि टीम इंडिया के साथ उनका पहला काम बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टेस्ट होगा जो 19 सितंबर से शुरू होगा. उन्हें दक्षिण अफ्रीका में 2027 एकदिवसीय विश्व कप के अंत तक नियुक्त किया गया है.

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अनुभव

मोर्केल के पास अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का अच्छा-खासा अनुभव है. अपने लंबे कद और हाई-आर्म एक्शन के चलते बेजान पिच से भी उछाल हासिल करने वाले मोर्कल को खेलना बल्लेबाजों के लिए हमेशा एक चुनौती रही. अपने शानदार करियर के दौरान, उन्होंने 86 टेस्ट, 117 वनडे और 44 टी20 मैचों में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें क्रमशः 309, 188 और 47 विकेट हासिल कियें. डेल स्टेन और वर्नोन फिलेंडर के साथ उनकी तिकड़ी विश्व क्रिकेट में सबसे घातक आक्रमणों में से एक थी, जिसने सभी प्रारूपों में दुनिया भर के बल्लेबाजों को आतंकित किया. बतौर क्रिकेटर संन्यास लेने के बाद मोर्कल ने कोचिंग में भी शानदार काम किया है. उनकी कोचिंग में तेज गेंदबाजों को सिर्फ ‘बॉलिंग’ करने से कहीं ज्यादा चीजें सीखने के लिए मिली है.

पाकिस्तान के रहें कोच

मोर्केल वह कोच हैं जिनके मार्गदर्शन का पाकिस्तान की पेस सनसनी नसीम शाह पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा. कोच के तौर पर बहुत एक्टिव मोर्ने मोर्कल भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की पहली पसंद थे. गंभीर ने खुद माना है कि बतौर गेंदबाज मोर्कल का सामना करना उनके लिए कभी आसान नहीं रहा. मोर्केल ने अपने करियर में तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं. अपने करियर के अंतिम दिनों में वह लाइन-लेंथ और अपने रन-अप पर जबरदस्त कंट्रोल सीख चुके थे. तर्जुबे की यह यात्रा भारतीय युवा पेस बैटरी के बहुत काम आ सकती है.

इंजरी मैनेजमेंट के लिए योग्य

भारतीय तेज गेंदबाजों के नजरिए से यह भी एक बहुत अच्छी बात है कि मोर्केल ने अपने करियर में चोटों और उनसे वापसी करना बखूबी सीखा था. वह जानते हैं कि कितनी रफ्तार के साथ गेंदबाज को अपने शरीर को रिकवरी के लिए टाइम देना होता है. किस तरह से एक गेंदबाज का शरीर काम करता है. भारत के पास प्रसिद्ध कृष्णा एक ऐसे गेंदबाज हैं जो चोट से जूझते रहे हैं. मयंक यादव एक ऐसे युवा गेंदबाज हैं जिनकी रफ्तार काफी उत्सुकता पैदा करती है. इसके अलावा आकाश दीप, हर्षित राणा, आवेश खान, उमरान मलिक जैसे तेज गेंदबाज हैं. मोर्केल को इन युवाओं के साथ सबसे ज्यादा काम करना है.

तेज गेंदबाजी को मिलेगी धार

मोर्केल का इन गेंदबाजों के साथ काम भारतीय क्रिकेट की तेज गेंदबाजी के भविष्य को तय करने जा रहा है. क्योंकि भारत के पास सीनियर लेवल पर जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज ही ऐसे हैं जो अपनी जगह स्थापित कर सके हैं. टी20 क्रिकेट में अर्शदीप सिंह का भी उभार हुआ है. मोर्केल अर्शदीप सिंह को टेस्ट मैचों के लिए तैयार कर पाए तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत अच्छा होगा.

भारत के पास साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा और साल 2025 में इंग्लैंड का दौरा है. तब तक गौतम गंभीर एंड कंपनी यह उम्मीद करेगी कि मोर्केल भारतीय गेंदबाजों के साथ वह काम कर चुके होंगे जो उन्होंने पाकिस्तान के लिए नसीम शाह के साथ किया था. मोर्ने मोर्कल के आगमन के साथ यह उम्मीद की जा सकती है कि वह भारतीय तेज गेंदबाजों के लिए ‘एक कोच से ज्यादा’ साबित होंगे.

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

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