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लखनऊ सुपरजायंट्स के संजीव गोयनका ने कहा, ‘ऋषभ पंत हमेशा हमारे रडार पर थे लेकिन थोड़े ज्यादा पैसे खर्च हो गए’

आईपीएल इतिहास में ऋषभ पंत ने अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया. वह लीग के इतिहास में अब तक के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए हैं. लखनऊ सुपरजायंट्स (LSG) ने विकेटकीपर-बल्लेबाज को 27 करोड़ रुपये में खरीदा. यह लखनऊ का एक रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक था, जो अपनी टीम की कमान संभालने के लिए एक अनुभवी लीडर की तलाश में थे. लखनऊ के मालिक संजीव गोयनका के बेटे शाश्वत गोयनका ने दिल्ली कैपिटल्स के पूर्व कप्तान को हासिल करने के बाद फ्रेंचाइजी के विचारों को साझा किया.

शाश्वत ने आईएएनएस से कहा, “ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी को टीम में शामिल करना शानदार है. मुझे लगता है कि हर कोई इसी सोच के साथ आया था और यह हमारी सूची में भी था. इसलिए हमारे लिए यह एक अच्छी खरीद थी. ऋषभ को लेकर पैसे के बारे में नहीं सोचा गया था, वह हमारे रडार पर थे क्योंकि हम एक अनुभवी कप्तान की तलाश में थे. पंत के पास टूर्नामेंट में कप्तानी करने का अच्छा अनुभव है, लेकिन हमारे पास यह तय करने के लिए समय है कि टीम का नेतृत्व कौन करेगा. हमारी प्राथमिकता कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो सभी मैच खेल सके और टीम का अच्छे से मार्गदर्शन कर सके.”

थोड़े ज्यादा पैसे खर्च हो गए

पंत को लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने 27 करोड़ की बोली लगाकर खरीदा. इस तरह पंत आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर बन गए हैं. हालांकि पंत को लेने के बाद लखनऊ फ्रेंचाइज के मालिक संजीव गोयनका ने कहा कि थोड़े ज्यादा पैसे खर्च हो गए. उन्होंने जितने पैसे सोचे थे उससे ज्यादा खर्च करने पड़े.

दरअसल, मामला कुछ यूं हुआ कि नीलामी के दौरान ऋषभ पंत के लिए लखनऊ टीम ने 20.75 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. यहां दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने पंत को वापस लेने के लिए RTM कार्ड का इस्तेमाल किया.

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समय बर्बाद नहीं किया

एलएसजी ने पंत के लिए बोली लगाने में कोई समय बर्बाद नहीं किया. फ्रेंचाइजी के इरादे साफ थे, वे पूरी तरह से दांव लगाने को तैयार थे. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर भी इस होड़ में शामिल हो गई, और हर बोली के साथ कीमत बढ़ती गई. जैसे-जैसे यह आंकड़ा 20 करोड़ रुपये के पार पहुंचा, यह स्पष्ट हो गया कि पंत की कीमत उनकी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग कौशल से भी परे है. शाश्वत ने रिकॉर्ड तोड़ने वाली बोली के पीछे की रणनीतिक योजना के बारे में बताते हुए कहा, “यह हमारी योजना के भीतर था. यह कोई जादुई संख्या हासिल करने के बारे में नहीं था. यह सुनिश्चित करने के बारे में था कि हम पंत को हासिल कर लें, भले ही इसका मतलब आरटीएम (राइट टू मैच) कार्ड का इस्तेमाल करने की कोई गुंजाइश न छोड़ना हो.”

-भारत एक्सप्रेस

Vikash Jha

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