PF Death Claim: शायद ही कोई इंसान ऐसा हो जो आज के समय में ये नहीं चाहता हो कि उसके पास पैसे न हो या फिर जमा धन न हो. लोग अपने भविष्य को लेकर भी काफी चिंतित रहते हैं. खासतौर पर नौकरी करने वाले लोग अपनी सैलरी में से कुछ पैसे जरूर बचाते हैं. जिन्हें वो बैंक में जमा करा देते हैं या फिर सही अन्य जगहों पर निवेश करते हैं.
इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि नौकरी करने वाले लोगों की सैलरी में से हर महीने एक अमाउंट काटकर उनके PF खाते में जमा किया जाता है. इस पैसे को आप नौकरी के बीच में और छोड़ने के बाद या फिर पेंशन के रूप में भी ले सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर पीएफ खाताधारक की किसी कारण मौत हो जाती है तो फिर उसके पीएफ खाते में जमा पैसे किसे मिलते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
बात अगर ये की जाए कि नौकरी करने वाले लोगों का पीएफ कितना कटता है तो ये बेसिक सैलरी का 12% कटता है. सरकार की ओर से पीएफ खातों पर अच्छा खासा ब्याज भी दिया जाता है. पीएफ खाते की खास बात ये है कि जरूरत पड़ने पर कोई भी कभी भी अपने अकाउंट से पैसों को निकाल सकता है. घर में शादी या किसी की तबीयत खराब होने पर भी पैसे निकाले जा सकते हैं अगर घर बनवाना हो तो भी पैसे निकाले जा सकते हैं.
अगर किसी व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाती है तो फिर कर्मचारी EPFO के नियम के मुताबिक खाते की पूरी राशि नॉमिनी को सौंप देता है. पीएफ खातों में पहले ही नॉमिनी का नाम दर्ज कर दिया जाता है. इसके बाद नॉमिनी पीएफ खाताधारक के खाते की राशि के लिए डेथ क्लेम हासिल कर सकता है. इसके लिए उन्हें पोस्ट ऑफिस या फिर EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर दिया गया डेथ क्लेम फॉर्म भरकर क्लेम राशि के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
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पीएफ खाताधारक की मौत के बाद उसके नॉमिनी को खाताधारक की पूरी जानकारी के साथ फॉर्म 20 भरकर जमा करना होता है या फॉर्म उसे कंपनी के द्वारा फॉरवर्ड किया जाता है. खाता धारक जिस कंपनी में आखिरी समय तक काम कर रहा था सभी दस्तावेजों के साथ फॉर्म भरने के बाद इसे जमा कर दिया जाता है. नॉमिनी को क्लेम की जानकारी प्रोवाइड कराए गए फोन नंबर पर दे दी जाती है. जिसके बाद बैंक खाते में पैसे आ जाते हैं.
पीएफ डेथ क्लेम करने के लिए आपको सबसे पहले नॉमिनी का पीएफ अकाउंट नंबर नॉमिनी की बाकी जानकारी नाम पता पहचान पत्र, और मोबाइल नंबर के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे डेथ क्लेम फॉर्म पीएफ अकाउंट होल्डर डेथ सर्टिफिकेट और अकाउंट होल्डर का पासबुक जरूरी होता है. बता दे अगर पीएफ खाता धारक का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर अमाउंट कानूनी उत्तराधिकारी को मिलता है.
-भारत एक्सप्रेस
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