उत्तर प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस पर गुरुवार (11 जुलाई) से सख्ती शुरू हो गई है. तीन दिन ऑनलाइन अटेंडेंस न दर्ज कराने वालों शिक्षकों का वेतन रोक दिया जाएगा. डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न करने पर विभागीय आदेश की अवहेलना माना जाएगा. ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
उन्नाव बीएसए ने आदेश दिए हैं कि तीन दिन तक डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न कराने पर विभागीय निर्देश की अवहेलना माना जाएगा. ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. अगले आदेश तक ऐसे शिक्षकों का मानदेय और वेतन रोका जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बाराबंकी-उन्नाव में डिजिटल अटेंडेंस न लगाने पर शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है. बता दें कि राज्य सरकार ने 11 जुलाई (गुरुवार) से अनिवार्य रूप से शिक्षकों को डिजिटल अटेंडेंस दर्ज कराने का आदेश दिया है. सरकार के इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया. इसके विरोध में शिक्षकों के तमाम संगठन खड़े हो गए हैं.
शिक्षकों ने सरकार के आदेश को अव्यावहारिक बताया है. सरकार के इस आदेश के विरोध में यूपी के कई जिलों में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. इसके साथ ही कई शिक्षक संगठनों से जुड़े अध्यापकों ने जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है.
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जानकारी के अनुसार, नए आदेश के लागू होने के पहले दिन (8 जुलाई) केवल दो प्रतिशत शिक्षकों ने ही डिजिटल अटेंडेंस लगाई थी. उन्नाव-बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने ऐसे शिक्षकों का वेतन या मानदेय रोकने की सिफारिश की है, लेकिन लखनऊ के बीएसए ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है.
ऐसे में शिक्षकों के विरोध को देखते हुए कल (12 जुलाई) सभी खंड शिक्षा अधिकारी और शिक्षा समन्वयक की मीटिंग बुलाई गई है. मीटिंग के बाद विभाग आगे की स्थिति पर निर्णय लेगा.
राज्य सरकार के इस कदम से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की संभावना है. शिक्षकों और कर्मचारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे रोजाना अपनी डिजिटल अटेंडेंस दर्ज करें और किसी भी तरह की लापरवाही से बचें. सरकार की इस सख्ती से शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन और कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है.
शिक्षकों की उपस्थिति को डिजिटल बनाने के बेसिक शिक्षा परिषद के कदम के व्यापक विरोध के बीच उत्तर प्रदेश में इसके कार्यान्वयन के पहले दिन सोमवार (8 जुलाई) को कुल 6.09 लाख सरकारी शिक्षकों और शिक्षा मित्रों (पैरा शिक्षकों) में से केवल 2 प्रतिशत ने अपनी उपस्थिति (Attendance) ऑनलाइन दर्ज की थी.
इसका मतलब यह है कि 6,09,282 लाख शिक्षकों में से केवल 16,015 ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. प्रदेश के 75 जिलों में से 14 जगहों पर बमुश्किल ही किसी शिक्षक ने अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराई. शाहजहांपुर के 10,194 शिक्षक, पीलीभीत के 5,899 और संत कबीर नगर के 4,819 शिक्षकों में से एक ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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