अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रणाली में बदलाव लाने की बात कही है. इसके लिए उन्होंने एक आदेश जारी किया है. इसमें चुनाव संचालन के तरीके में बदलाव की बात कही गई है. इस आदेश में मतदाताओं से उनकी अमेरिकी नागरिकता को साबित करने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि चुनाव के दिन तक केवल मेल-इन या पोस्टल बैलेट मतपत्र ही गिने जाएं. इसके अलावा, गैर-अमेरिकी नागरिकों को कुछ चुनावों में दान करने से भी रोकने का प्रस्ताव है.
ट्रंप ने भारत और ब्राजील जैसे देशों के चुनाव प्रथाओं का उदाहरण दिया और तर्क दिया कि अमेरिका “बुनियादी और आवश्यक चुनाव सुरक्षा” को लागू करने में विफल रहा है, जो पहले से ही कई विकसित और विकासशील देशों में मानक बन चुके हैं. उन्होंने कहा, “भारत और ब्राजील मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका नागरिकता के लिए काफी हद तक स्व-सत्यापन पर निर्भर है.”
इसके अलावा, ट्रंप ने जर्मनी और कनाडा जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा, “जर्मनी और कनाडा में मतों की गणना करते समय कागज के मतपत्रों की आवश्यकता होती है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में कई तरीके हैं, जिनमें अक्सर बुनियादी सुरक्षा का अभाव होता है.” उन्होंने अमेरिकी चुनावों के लिए एक अधिक सुरक्षित और समान वोटिंग सिस्टम की आवश्यकता पर की बात कही.
कार्यकारी आदेश में मेल-इन मतदान के मुद्दे को भी शामिल किया गया है. ट्रंप ने डेनमार्क और स्वीडन जैसे देशों का उदाहरण दिया, जहां मेल-इन मतपत्रों को केवल उन लोगों तक सीमित रखा जाता है जो व्यक्तिगत रूप से मतदान नहीं कर सकते. इसके अलावा, वे देर से आने वाले मतपत्रों को स्वीकार नहीं करते, चाहे उनमें डाक टिकट हो या न हो.
ट्रंप ने कहा, “अब कई अमेरिकी चुनावों में डाक से सामूहिक मतदान होता है, जिसमें कई अधिकारी बिना डाक टिकट वाले मतपत्र या चुनाव के दिन के बाद प्राप्त मतपत्र स्वीकार करते हैं.” यह कार्यकारी आदेश ट्रंप के अमेरिकी चुनावों की अखंडता को बहाल करने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है, जिनके बारे में वह अक्सर दावा करते आए हैं कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में कोई समझौता हुआ था. ट्रंप ने इस पर भी जोर दिया कि “धोखाधड़ी, त्रुटियों या संदेह से अछूते स्वतंत्र, निष्पक्ष और ईमानदार चुनाव हमारे संवैधानिक गणराज्य को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं.”
उन्होंने यह भी कहा, “अमेरिकी नागरिकों का यह अधिकार कि उनके मतों की सही तरीके से गणना की जाए और उन्हें बिना किसी अवैध छेड़छाड़ के सारणीबद्ध किया जाए, चुनाव के वास्तविक विजेता का निर्धारण करने के लिए महत्वपूर्ण है.”
ये भी पढ़ें: South Korea Fire: जंगल की आग से प्राचीन मंदिर नष्ट….अब तक 18 लोगों की मौत, निकाले जा रहे फंसे नागरिक
-भारत एक्सप्रेस
दिल्ली हाई कोर्ट ने मेधा पाटकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए 19 अप्रैल को…
रक्षाबंधन का पर्व हिंदू धर्म में एक मुख्य स्थान रखता है जो हर साल सावन…
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए मुंबई-मनमाड पंचवटी एक्सप्रेस में देश का पहला…
करणी सेना का कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने एक ताजमहल में…
Jewel Thief Trailer: सैफ अली खान और जयदीप अहलावत की मच अवेटेड फिल्म ज्वेल थीफ…
आरएसएस कार्यकर्ता श्रीनिवासन की हत्या मामले में पीएफआई के 17 सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट से…