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Bangladesh Unrest: शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सेना प्रमुख ने कहा, ‘हिंसा रुकनी चाहिए, जल्द बनेगी अंतरिम सरकार’

बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान (Waqar-uz-Zaman) ने सोमवार (5 अगस्त) को कहा कि वह प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और भारी विरोध के कारण ढाका से भागने के बाद अंतरिम सरकार बनाएंगे.

राष्ट्र के नाम सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक प्रसारण में उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी जिम्मेदारी ले रहा हूं. हम अंतरिम सरकार बनाएंगे.’ वकार ने सैन्य वर्दी और टोपी पहने हुए कहा, हालांकि यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि वह कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व करेंगे या नहीं.

बयान में क्या कहा

सेना के बांग्लादेश की सत्ता पर कब्जा करने की तैयारी के बीच उन्होंने कहा, ‘देश ने बहुत कुछ झेला है, अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है, कई लोग मारे गए हैं. अब हिंसा को रोकने का समय आ गया है. मुझे उम्मीद है कि मेरे भाषण के बाद स्थिति में सुधार होगा. हम विरोध प्रदर्शनों के जरिये कुछ भी हल नहीं करेंगे, हम अराजकता को समाप्त करेंगे.’

जनरल ने कहा कि वह अंतरिम सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति से बात करेंगे और उन्होंने मुख्य विपक्षी दलों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बातचीत की है, लेकिन हसीना की अवामी लीग के साथ नहीं.


ये भी पढ़ें: Bangladesh Unrest: पूर्व राष्ट्रपति Sheikh Mujibur Rahman की प्रतिमा तोड़ी, प्रधानमंत्री आवास पर धावा


चार दशक का अनुभव

वकार, जिन्हें इस साल की शुरुआत में शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया था. उन्होंने बांग्लादेश की सेना में लगभग चार दशक बिताए हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के साथ-साथ प्रधान मंत्री कार्यालय में दो बार सेवा की है.

उन्होंने कहा, ‘अगर स्थिति बेहतर हो जाती है, तो आपातकाल की कोई जरूरत नहीं है’. उन्होंने कसम खाई कि नए अधिकारी हफ्तों तक चले घातक विरोध प्रदर्शनों के बाद ‘सभी हत्याओं पर मुकदमा चलाएंगे’.

इस वजह से शुरू हुए प्रदर्शन

उन्होंने कहा, ‘अब छात्रों का काम शांत रहना और हमारी मदद करना है.’ वकार ने आगे कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से कोई गोली न चलाने को कहा है. पिछले दो दिनों में हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.

बांग्लादेश में विवादास्पद कोटा सिस्टम को लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित कर दी गई हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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