शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने की खबरें सामने आने के बाद हजारों बांग्लादेशी प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया और राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री के महल पर धावा बोल दिया.
सैकड़ों लोगों ने शेख हसीना के आधिकारिक आवास के दरवाजे तोड़ने से पहले वे ढाका की सड़कों पर झंडे लहराते हुए दिखाई दिए. भीड़ ने ढाका में हसीना के पिता और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को भी तोड़ दिया.
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एएफपी संवाददाताओं ने बताया कि ढाका में बख्तरबंद वाहनों के साथ सैनिकों और पुलिस ने हसीना के कार्यालय तक जाने वाले रास्तों पर कांटेदार तार लगाकर अवरोधक लगा दिए थे, लेकिन भारी भीड़ सड़कों पर उतर आई और अवरोधकों को तोड़ दिया.
स्थानीय मीडिया ने अनुमान लगाया कि सड़कों पर 400,000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी थे. बांग्लादेश में रविवार को हुई हिंसक झड़प में कम से कम 98 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 14 पुलिस अधिकारी शामिल थे. यह अशांति का सबसे घातक दिन था. इस दिन की हिंसा के कारण जुलाई की शुरुआत में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वाले लोगों की कुल संख्या कम से कम 300 हो गई.
सिविल सेवा नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ पिछले महीने शुरू हुईं रैलियां प्रधानमंत्री शेख हसीना के 15 साल के शासन के सबसे खराब प्रदर्शनों में बदल गईं और 76 वर्षीय प्रधानमंत्री से पद छोड़ने की मांग व्यापक स्तर पर उठने लगी थीं.
-भारत एक्सप्रेस
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