दुनिया

इस वजह से 29 अगस्त को ‘परमाणु परीक्षण के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस’ मनाने का किया गया था ऐलान

हर साल 29 अगस्त को ‘परमाणु परीक्षण के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस’ मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 दिसंबर 2009 को अपने 64 वें सत्र में सर्वसम्मति से प्रतिवर्ष 29 अगस्त को परमाणु परीक्षण के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया था. 16 जुलाई 1945 को परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू होने के बाद से अब तक 2 हजार से अधिक परमाणु परीक्षण हो चुके हैं. इन परीक्षणों से पर्यावरण और मानव जीवन पर भयानक और हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है.

परमाणु परीक्षण से रेडियोधर्मी किरणें उत्पन्न होती हैं. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है और यह हमारे आसपास के प्राकृतिक संपदा को भी नुकसान पहुंचाता है. इस दिवस की स्थापना के बाद सभी देशों ने मई 2010 में परमाणु हथियारों के बिना दुनिया की शांति और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया था.

‘परमाणु परीक्षण के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस’ मनाने के लिए आखिर 29 अगस्त का दिन ही क्यों चुना गया? ये भी एक बड़ी दिलचस्प बात है. दरअसल, 29 अगस्त की तारीख चुनने के पीछे की वजह कजाकिस्तान था. कजाकिस्तान ने 1991 में इस प्रकार का अवसर दिया. 29 अगस्त 1991 को सेमीपाली टिंकल परमाणु परीक्षण स्थल को बंद करने की स्मृति 29 अगस्त को अवलोकन के लिए चुना गया था. वह इसी दौरान यूएसएसआर से अलग हुआ. इसके बाद कजाकिस्तान ने वहां एक न्यूक्लियर प्लांट को बंद कर दिया. जहां उसने पूरी दुनिया के सामने एक नजीर पेश की और विश्व को एक संदेश दिया कि न्यूक्लियर टेस्टिंग बंद होनी चाहिए.

पहला अंतरराष्ट्रीय परमाणु दिवस 29 अगस्त 2010 को मनाया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1945 से 2017 तक दुनिया भर में 2000 से ज्यादा परमाणु परीक्षण विस्फोट किए जा चुके हैं. इसी परमाणु परीक्षण के विरोध में हर साल 29 अगस्त को ‘परमाणु परीक्षणों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ मनाया जाता है. इस दिन सभी वैज्ञानिक एकजुट होकर वैज्ञानिक पहलुओं पर चर्चा करते हैं और लोगों को वैज्ञानिक प्रयोगों से होने वाली समस्याओं से बचाने की तरकीब भी बताते हैं.

बता दें कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराया था. ये पहली दफा था, जब पूरी दुनिया ने परमाणु बम का कहरा देखा था. इसकी तबाही इतनी भयावह थी कि लगभग 2 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी हजारों लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. जापान में परमाणु हमले का असर आज भी देखने को मिल रहा है. वहां गर्भावस्था में बच्चे अपंग और मंदबुद्धि पैदा हो रहे हैं. आज भी वहां बड़ी संख्या में बच्चे पूर्णत: स्वस्थ्य पैदा नहीं होते हैं.

दुनिया में 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं जिनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, भारत, इंग्लैंड, चीन, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल शामिल है. इन देशों ने कुल मिलाकर 12,121 से ज्यादा परमाणु हथियार बनाए हैं.

ये भी पढ़ें- शशि थरूर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका, आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने से अदालत का इनकार

-भारत एक्सप्रेस

Vikash Jha

Recent Posts

लैंड फॉर जॉब घोटाले पर सीबीआई और ईडी के मामलों की सुनवाई 16 और 17 जनवरी को

इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित उनके परिवार के पांच सदस्य आरोपी है. इसमें…

4 mins ago

राजयोगी ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश ‘भाईजी’ की 9वीं पुण्यतिथि कल, इंदौर में मीडिया सेमिनार का होगा आयोजन, भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय होंगे मुख्य अतिथि

राजयोगी ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश 'भाईजी' ब्रह्माकुमारीज संस्था के मीडिया प्रभाग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं इंदौर…

30 mins ago

Sunny Leone बनी ‘महतारी वंदन योजना’ की लाभार्थी! जानें, बस्तर से जुड़ी इस हैरान कर देने वाली खबर का सच

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ‘महतारी वंदन योजना’ के तहत सनी लियोनी को हर महीने…

38 mins ago

सर्दियों के मौसम में गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की जरूरत

winter care for pregnant women: सर्दी में प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी की कमी हो…

1 hour ago

ICC CT 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच इस तारीख और स्थान पर होगा महामुकाबला, चैंपियंस ट्रॉफी का टेंटेटिव शेड्यूल आया सामने!

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को करनी है लेकिन BCCI ने टीम को सुरक्षा…

1 hour ago

Stock Market: शेयर बाजार हरे निशान के साथ खुला, 600 अंक उछला Sensex

बाजार का रुख सकारात्मक रहा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,223 शेयर हरे निशान में…

2 hours ago