कांग्रेस सांसद शशि थरूर.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के मामले में शशि थरूर के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले को दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द करने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर भी रोक लगाने से मना कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब शशि थरूर को मानहानि मामले में ट्रायल का सामना करना पड़ेगा. कोर्ट ने शशि थरूर को 10 सितंबर को निचली अदालत में पेश होने को कहा है. जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की सिंगल बेंच ने यह फैसला दिया है.
मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी
बता दें कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी.
यह भी पढ़ें- “सिद्धो-कान्हू की भूमि पर बांग्लादेशी घुसपैठ बड़ी समस्या बन चुकी है”, चंपई सोरेन का हेमंत सरकार पर बड़ा हमला
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही और 27 अप्रैल 2019 को निचली अदालत द्वारा शशि थरूर को जारी किए गए समन पर रोक लगा दिया था. अब कोर्ट ने समन पर लगी रोक को हटा दिया है.
पीएम मोदी पर की थी विवादित टिप्पणी
यह केस पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित तौर पर बिच्छू बोलने पर शशि थरूर के खिलाफ दायर किया गया था. यह याचिका बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने दायर किया था. 28 अक्टूबर 2018 को बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिवलिंग पर बैठा बिच्छू कहा था. राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है. याचिका में आ शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.