Israel: इजराइल और हमास के बीच कई महीनों से युद्ध जारी है. इसी बीच खबर सामने आ रही है कि अप्रैल और मई के महीने में भारत से 6000 श्रमिक इजराइल जाएंगे. बताया जा रहा है कि युद्ध के कारण इजराइली निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों की भारी कमी हो गई है. इसको लेकर बुधवार देर रात को इजराइल सरकार ने एक बयान जारी किया है और कहा है कि “इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), वित्त मंत्रालय और निर्माण और आवास मंत्रालय द्वारा चार्टर उड़ानों पर सब्सिडी देने के संयुक्त निर्णय के बाद श्रमिकों को एयर शटल से इस्राइल लाने के फैसले पर मुहर लगी है.”
इजराइल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पिछले मंगलवार को भारत से 64 श्रमिक इस्राइल पहुंचे थे. श्रमिकों को जी2जी समझौते के तहत इजराइल लाया जा रहा है. इसी क्रम में अब 6000 श्रमिकों को भी यहां लाया जाएगा. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि उम्मीद है कि अप्रैल के मध्य तक कुल 850 श्रमिक इजराइल पहुंच जाएंगे. तो वहीं इजराइल जाने वाले श्रमिकों को लेकर सूत्रों ने दावा किया है कि जो श्रमिक भारत से इजराइल जा रहे हैं उनमें से अधिकांश ने अपनी नौकरियों से इस्तीफा दे दिया है और इस्राइल आने के लिए वीजा का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि इजराइल के लिए केवल भारत से ही नहीं बल्कि श्रीलंका के अलावा चीन और पूर्वी यूरोप से भी श्रमिक जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 7,000 श्रमिक चीन से तो वहीं 6,000 श्रमिक पूर्वी यूरोप से इजराइल पहुंच रहे हैं.
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बता दें कि युद्ध के कारण इजराइल में श्रमिकों की भारी कमी आ गई है. इसी वजह से वहां पर कई परियोजनाओं का काम रुक गया है. यही वजह के कि आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. युद्ध से पहले इजराइल में 80,000 श्रमिक वेस्ट बैंक से तो वहीं 17,000 श्रमिक गाजा पट्टी से आए थे लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद से तमाम श्रमिकों का वर्क परमिट निरस्त कर दिया गया है. गौरतलब है कि इजराइल का निर्माण उद्योग उन प्रमुख क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार देता है, जहां इजराइली श्रमिकों की कमी होती है. बता दें कि पिछले 6 महीने से इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है.
बुधवार को इस्राइल में भारतीय राजदूत संजीव सिंगला ने इजराइल के श्रम मंत्री, योव बेन-त्जूर से मुलाकात की. इस मौके पर उन्होंने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बातचीत करते हुए भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा और उनकी अच्छाई को लेकर बात की. इस मौके पर उन्हें वहां भारतीय श्रमिकों के कल्याण के लिए इस्राइली मंत्रालय की प्रवर्तन गतिविधियों के बारे में जानकारी भी दी गई.
श्रमिकों के इजराइल पहुंचने को लेकर इजराइल में भारतीय दूतावास ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “बैठक के दौरान सिंगला को इजराइल में भारतीय श्रमिकों के अधिकारों व कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय की प्रवर्तन गतिविधियों जानकारी दी गई.” इसी पोस्ट में आगे लिखा गया है कि “पिछले हफ्ते भारतीयों का पहला जत्था जी2जी समझौते के तहत इस्राइल पहुंचा है. भारत ने इस्राइली अधिकारियों से उनकी सुरक्षा को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है.” इसी के साथ ही पोस्ट में बताया गया है कि “साल की शुरुआत में, इस्राइल में 10,000 से अधिक भारतीय निर्माण श्रमिकों को भर्ती का अभियान हरियाणा के रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शुरू हुआ. इस समय करीब 18,000 भारतीय कामगार इजराइल में हैं.”
बता दें कि श्रमिकों के मुद्दे को लेकर इजराइल पीएम नेतन्याहू और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बीच पिछले साल दिसंबर में फोन पर बात हुई थी. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, उस वक्त दोनों देशों के मुखिया के बीच श्रमिकों के मुद्दे पर चर्चा की गई थी. हालांकि पिछले साल अप्रैल में भारत यात्रा पर इजराइल के अर्थव्यवस्था मंत्री नीर बरकत आए थे और उस वक्त उन्होंने भी भारतीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर श्रमिकों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और इस पर चर्चा की थी.
-भारत एक्सप्रेस
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