गर्मी अब अलविदा हो रही है और सर्दियों के आने की दस्तक सितंबर के महीने ने कर दी है. पतझड़ के मौसम ने भी दस्तक दे दी है और इससे साफ हो गया है कि जल्द ही अब सर्दी आने वाली है. हालांकि अभी भी हल्की-हल्की ठंड का अहसास होने लगा है. तो इसी के साथ ही दुनिया के तमाम देशों में अनोखी परंपराओं के तहत कई त्योहारों के मनाए जाने का भी वक्त आ रहा है. इन त्योंहारों के बारे में आप भी जानकर चौंक जाएंगे.
फिलिपींस में हर साल अक्टूबर के चौथे रविवार को मासकारा महोत्सव मनाया जाता है. यह पतझड़ का महत्वपूर्ण त्योहार होता है. इस त्योहार की शुरुआत 1980 में हुई थी. उस समय शहर के अधिकारियों ने एक नौका दुर्घटना की असामयिक त्रासदी के जवाब में इस उत्सव को मनाया था. इस घटना में करीब 700 लोगों की जान चली गई थी. इसका आयोजन नीग्रोस द्वीप के बैकोलॉड शहर में किया जाता है. इसके नाम का मतलब है ‘कई चेहरे’ और इसके दौरान लोग अपने चेहरे पर रंग-बिरंगे मास्क लगाते हैं.
पतझड़ के दौरान जर्मनी के म्यूनिच में एक अद्भुत वार्षिक उत्सव मनाया जाता है, जिसे ओकटोबरफेस्ट कहते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा वोक्सफेस्ट है. इसमें एक बीयर उत्सव और एक यात्रा कार्निवल शामिल होता है. इस त्योहार के दौरान लोग जमकर बियर पीते हैं, नाचते-गाते हैं और जर्मन भोजन का आनंद लेते हैं. इसकी शुरुआत 12 अक्टूबर, 1810 से हुई थी, जब बवेरिया के राजकुमार लुई प्रथम ने राजकुमारी थेरेसी वॉन साक्सेन-हिल्डबर्ग हाउसेन से शादी की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेक्सिको में मौत का दिन या डे ऑफ द डेड मनाया जाता है. यह 2 दिवसीय त्योहार है. इसको डिया डे लॉस मुर्टोस भी कहा जाता है. इस त्योहार को जीवित और मृत लोगों को एक साथ लाने के लिए मनाया जाता है. 1 और 2 नवंबर को इस त्योहार को मनाया जाता है. इस त्योहार को मनाने के पीछे की मान्यता ये है कि इन दो दिनों के लिए मरने वालों की रूह धरती पर आती है और अपने परिवार के दिवंगत सदस्यों का सम्मान करने के लिए उन्हें भेंट देती है.
हालांकि हैलोवीन के बारे में तो दुनिया भर में चर्चा ही रहती है. इसे 31 अक्टूबर को मनाया जाता है. अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम समेत कई अन्य देशों में इसे लोग जोर-शोर से मनाते हैं और अक्सर ही इस त्योहार के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. इस दिन बड़ों से लेकर बच्चे तक भूतों की तरह की पोशाक पहनते हैं और चेहरे पर मास्क लगाते हैं. इसी के साथ ही बच्चे लोगों के घरों में जाकर ‘ट्रिक और ट्रीट’ बोलते हुए कैंडी मांगते हैं.
मालूम हो कि पतझड़ से जुड़ी कई परम्पराओं को जापान में निभाया जाता है. यहां शिची-गो-सान उत्सव का एक विशेष महत्त्व है. इस पर्व के नाम का मतलब है ‘7-5-3’, जो कि इसे मनाने के तरीके को प्रदर्शित करती है. दरअसल ये त्योहार खासतौर से 3 और 5 साल के लड़कों और 3 और 7 साल की लड़कियों के लिए होता है. हर साल 15 नवम्बर को ये त्योहार मनाया जाता है. इस आयु के बच्चे अपने विकास की अवस्था में होते हैं, इसीलिए ये त्योहार उनके लिए मनाया जाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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