दुनिया

PM Modi की दोस्त ने चीन को दिया बड़ा झटका, BRI प्रोजेक्ट को कहा- बाय बाय

Narendra Modi Giorgia Meloni: चीन की नीति रही है, कमजोर देशों को कर्ज दो, और स्थिति बिगड़ने पर उस देश पर कब्जा करने के प्रयास करो. इस नीति का नतीजा भारत का पड़ोसी मुल्क श्रीलंका आर्थिक त्रासदी के तौर भुगत चुका है. इस नीति से दुनिया के कई देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसा चुके चीन को यूरोपीय देश से झटका लगा है. ये देश पीएम मोदी की दोस्त जॉर्जिया मेलोनी का है. जी हां हम इटली के बारे में बात कर रहे हैं. इटली औपचारिक रूप से चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) से बाहर हो गया है. मेलोनी की सरकार के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए इस कदम को बड़ा झटका माना जा रहा है.

बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस मेगा बुनियादी ढांचे वाली अपनी परियोजना को कोरोना काल के बाद फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हर मोर्चे पर झटका ही लग रहा है. इटली ने चार साल पहले BRI  में शामिल होने के लिए चीन के साथ एक समझौता किया था. इटली ऐसा करने वाला एकमात्र G7 देश बना था. अब इटेलियन अखबार कोरिएरे डेला सेरा द्वारा पब्लिश एक रिपोर्ट में लिखा है कि इटली ने BRI से निकलने के अपने लंबे समय से प्रतीक्षित फैसले के बारे में बीजिंग को तीन दिन पहले सूचित कर दिया है.

यह भी पढ़े-‘13 दिसंबर को संसद भवन पर करूंगा हमला, दिल्ली बनेगा पाकिस्तान’, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी धमकी, Video वायरल

भारत दौरे में ही कैंसिल किया था कॉन्ट्रैक्ट

बता दें कि इस साल की शुरुआत में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भारत आई थीं. इस दौरान जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर बातचीत के दौरान व्यक्तिगत रूप से चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग को बताया कि उनके देश ने बीआरआई छोड़ने का फैसला किया है. इटली सरकार ने पहले कहा था कि चीन के साथ बीआरआई समझौता उनकी उम्मीदों को पूरा करने में विफल रहा है.

गौरतलब है कि बीआरआई में शामिल होने का इटली का फैसला महीनों से भारी जांच के घेरे में था. इटली के ही रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने इसे “तात्कालिक और नृशंस कृत्य” कहा था. खुद पीएम मेलोनी ने अक्सर कहा है कि यह सौदा एक “बड़ी गलती” थी. उन्होंने कहा कि वे इस गलती को सुधारने में सक्षम हैं. यह सौदा मार्च 2024 में रिन्यू होना था, उससे पहले ही इसे रद्द कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें-पाकिस्तान में मारा गया भारत का एक और मोस्ट वांटेड आतंकी, CRPF के काफिले पर हमले का था मास्टरमाइंड

इटली को नहीं हुआ कोई खास फायदा

चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में शामिल कई देशों की तरह इटली भी चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे से जूझ रहा था. बीआरआई के साथ, इटली निवेश आकर्षित करना और चीन के विशाल बाजार में अपना सामान निर्यात करने के अवसरों का विस्तार करना चाहता था. इटली को उम्मीद थी वह चीन का ध्यान और निवेश आकर्षित करने में दूसरों को पछाड़ देगा, लेकिन इटली-चीन आर्थिक संबंधों की दिशा में शायद ही कोई बदलाव आया. इसका नतीजा ये है कि इटली ने उल्टे चीन को ही सौदा रद्द करके लपेट दिया है.

-भारत एक्सप्रेस

कृष्णा बाजपेई

Recent Posts

CJI की अध्यक्षता वाली 9 जजों की पीठ ने सुनाया फैसला, हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं कह सकते

पीठ ने अपने फैसले में कहा कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं कह…

16 mins ago

सुप्रीम कोर्ट ने UP मदरसा कानून को बताया संवैधानिक, इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला पलटा

उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ रहे लाखों छात्रों को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम…

21 mins ago

अमेरिकी चुनाव के दौरान सुर्खियों में ‘समोसा कॉकस’, कौन-कौन हैं इसके मेंबर?

Samosa Caucus Club: 'समोसा' एक लोकप्रिय भारतीय स्नैक है. यह शब्द 2018 के आसपास राजा…

37 mins ago

संजय राउत बोले- रश्मि शुक्ला को देवेंद्र फडणवीस ने गैरकानूनी तरीके से डीजीपी नियुक्त किया था

Maharashtra Assembly Elections 2024: संजय राउत ने कहा कि रश्मि शुक्ला को पुलिस डीजीपी बनाना…

52 mins ago

राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे, चुरुवा मंदिर में की भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना

Rahul Gandhi Raebareli visit: रायबरेली आते समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुरुवा मंदिर में…

1 hour ago