Narendra Modi Russia Visit Update: भारतीय प्रधानमंत्री मोदी 5 साल बाद आज फिर रूस के दौरे पर गए हैं. वे 2 साल बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे. दोनों एक-दूसरे को अच्छा दोस्त मानते हैं, और दोनों की पहली मुलाकात 2001 में हुई थी. सोमवार, 8 जुलाई 2024 को पीएम मोदी जब रूस जाने की तैयारी कर रहे थे, तो उन्होंने पुरानी यादों को एक आलेख के जरिए सबसे साझा किया. उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों में मैं रूस और ऑस्ट्रिया में रहूंगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने Narendramodi.in पर बताया, “मैं आज 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस की आधिकारिक यात्रा पर जा रहा हूं और अगले तीन दिनों में यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया की मेरी पहली यात्रा होगी.” उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच पुरानी और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले दस वर्षों में आगे बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान के क्षेत्र शामिल हैं.
उन्होंने कहा, “रूस और ऑस्ट्रिया का मेरा दौरा इन देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने का एक शानदार अवसर होगा, जिनके साथ भारत की पुरानी दोस्ती है. मैं इन देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं.”
गौरतलब है कि भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की जड़ें बहुत गहरी हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान और भी मजबूत किया है. X.com पर Modi Archive के एक पोस्ट में पीएम मोदी के रूस से जुड़ाव को जाहिर किया गया है.
नरेंद्र मोदी की रूस की पहली यात्रा 6 नवंबर, 2001 को हुई थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत रूस शिखर सम्मेलन की वार्ता के लिए प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मास्को गए थे.
2019 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रूस की यात्रा को याद करते हुए कहा कि 2001 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मेरी पहली मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा कि एक छोटे से राज्य से होने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर नया होने के बावजूद, राष्ट्रपति पुतिन मेरे साथ बहुत सम्मान से पेश आए, जिससे पक्की दोस्ती के दरवाजे खुल गए.
2001 की रूस यात्रा के दौरान, तत्कालीन सीएम मोदी ने अपने राज्य गुजरात और रूस के एक राज्य (Astrakhan) के बीच एक प्रोटोकॉल समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें दोनों राज्य पेट्रो और हाइड्रोकार्बन क्षेत्रों, व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में एक साथ काम करने पर सहमत हुए.
बाद के वर्षों में, कई यात्राओं के माध्यम से पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतन की दोस्ती मजबूत हुई. उल्लेखनीय रूप से, 2006 में, मोदी ने रूस के राज्य Astrakhan का फिर दौरा किया और वहां के गवर्नर अलेक्जेंडर झिलकिन से मुलाकात की, और सहयोग के लिए प्रोटोकॉल समझौते को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया.
2009 में, उन्हें चौथे इंटरनेशनल एनर्जी वीक को संबोधित करने और 9वें रूसी तेल और गैस वीक कॉन्फ्रेंस में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था. तब उन्होंने रूसी भाषा में प्रस्तुति देकर रूसी व्यापारियों को चौंका दिया था. उनकी मुलाकातों ने गुजरात-रूस साझेदारी की नींव रखी, खासकर ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में.
आज उनके इस मजबूत रिश्ते का लाभ देश को मिल रहा है.
– भारत एक्सप्रेस
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