अमेरिका और चीन के बीच वर्चस्व की जंग जारी है. हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की होड़ लगी हुई है. दोनों देश एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी बीच खबर ये भी है कि वैश्विक इंटरनेट को पावर देने वाली समंदर के नीचे बिछी केबल को लेकर भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है.
गौतरलब है कि बीते दिनों हुती विद्रोहियों द्वारा इजरायली, अमेरिकी और ब्रिटिश जहाजों पर हुए हमले के बाद लाल सागर में 15 में से 4 केबिलों को काट दिया गया. लाल सागर में ये केबल करीब 1.4 मिलियन किलोमीटर तक बिछी हुई हैं. जो ग्लोबल इंटरनेट के डेटा ट्रैफिक के लिए काफी अहम हैं.
दूरसंचार बाजार अनुसंधान फर्म टेलीजियोमेट्री के अनुसार, मौजूदा समय में दुनिया भर में 574 एक्टिव सब-मरीन केबल हैं. डेटा ट्रैफिक की बढ़ती मांग के कारण यह संख्या और भी बढ़ सकती है. जो वीडियो स्ट्रीमिंग और क्लाउड सेवाओं को देखते हुए होगा.
वहीं अकामाई लैब्स के सीटीओ एंडी शैम्पेन ने इन केबलों के महत्व के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि ” अगर आपने किसी अन्य महाद्वीप पर किसी व्यक्ति के साथ ई-मेल, टेक्स्ट या वीडियो चैट किया है, तो आपने सब-सी केबल का उपयोग किया है.
साल 2021 में, मेटा और गूगल ने समंदर के अंदर केबल बिछाने को लेकर दो बड़ी योजनाओं की घोषणा की थी, जो अमेरिका के पश्चिमी तट को सिंगापुर और इंडोनेशिया से जोड़ेगी. लाल सागर में काटी गईं 4 केबलों को लेकर ThousandEyes के उपाध्यक्ष और एमडी जो वेकारो ने कहा कि आप और मेरे जैसे लोगों ने ये देखा होगा कि जिस एप्लीकेशन तक हम पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, वह अचानक से बहुत स्लो हो गई या उपलब्ध ही नहीं थी. जिसे काटी गई केबलों से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
इसी साल मई के महीने में द वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक खबर में कहा गया था कि अमेरिकी अधिकारियों ने तकनीकी कंपनियों को चेतावनी दी थी, कि प्रशांत क्षेत्र में केबलों की मरम्मत करने वाले चीनी जहाज जासूसी कर सकते हैं.
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चीनी सरकार द्वारा नियंत्रित एसबी सबमरीन सिस्टम्स कंपनी इंटरनेशनल केबल की मरम्मत का कार्य करती है. जिसके बारे में बताया गया कि ये कंपनी अपने जहाजों को रेडियो और उपग्रह ट्रैकिंग प्रणालियों से छुपा रही है. वहीं समंदर के अंदर केबल बिछाने में चीन की संलिप्तता सामने आने के बाद एस्टोनिया के साथ भी तनाव उत्पन्न हो गया है. जिसमें ये संभावना जताई जा रही है की एक चीनी जहाज ने एस्टोनिया के दो समुद्री केबलों को काट दिया था. इसके साथ ही ये भी अंदेशा जताया जा रहा है कि लाल सागर में काटी गईं केबलों के पीछे भी केबलों की मरम्मत करने वाले चीनी जहाजों का हाथ है.
-भारत एक्सप्रेस
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