अभी तक राजधानी की जनता ही दिल्ली पुलिस के कामकाज पर सवाल उठाते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाती थी, लेकिन मंगलवार को उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भी उस पर मुहर लगा दी. पुलिस के कामकाज का जायजा लेने दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचे उप राज्यपाल ने कहा कि देश में दिल्ली पुलिस को सबसे बेहतर माना जाता है, लेकिन पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. महकमे में फैला भ्रष्टाचार खत्म करना बेहद अहम है. दिल्ली के थानों में जनता की फरियाद सुनने से लेकर FIR तक दर्ज करने में बरती जाने वाली कोताही को सुधारने की जरुरत है.
भले ही उप राज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को सबसे बेहतर बताते हुए उसकी सराहना की हो, लेकिन पुलिस के कामकाज और महकमे में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर चिंता जाहिर कर उसे आईना भी दिखा दिया. कंझावला कांड हो या निक्की यादव हत्याकांड, दोनों ही मामलों में पुलिस की कार्यशैली निम्न दर्जे की नजर आई. लेकिन पुलिस इन दोनों घटनाओं से भी सबक नहीं ले रही है. हालांकि सड़कों पर अवरोधक लगाकर जांच का दावा किया जाता है, लेकिन वहां केवल दो-पहिया और माल ढोने वाले छोटे वाहन ही निशाने पर रहते हैं.
दिल्ली भले ही देश की राजधानी हो, मगर हकीकत यह है कि यहां मौजूद थानों में ऐसी कोई बात नजर नहीं आती. हालात यह हैं कि ज्यादातर थानों में फरियादी से सम्मानजनक व्यवहार तक नहीं किया जाता. उनकी शिकायतों पर FIR दर्ज करने से लेकर जांच तक में लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं. उप राज्यपाल ने इन मुद्दों पर भी पुलिस को अपनी कार्यशैली सुधारने की हिदायत दी है.
दिल्ली के हर इलाके में लोगों की शिकायत है कि सड़कों पर अतिक्रमण और अवैध पार्किंग उनकी मंजिल में बाधा बनी रहती है. लुटियन जोन को छोड़ दें तो दिल्ली के किसी भी हिस्से में यह समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है. दिल्ली के तमाम बड़े बाजारों के आसपास अवैध पार्किंग नासूर बन चुकी है. शहर में मौजूद तीनों अंतर्राज्यीय बस अड्डों सराय काले खां, कश्मीरी गेट और आनंद विहार में यातायात पुलिस पूरी तरह नकारा साबित हो रही है. उप राज्यपाल ने कहा की अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम और पीडब्ल्यूडी को कड़ी कार्रवाई के लिए आदेश दिए गए हैं. लेकिन पुलिस भी इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है.
इंफोसिस के संस्थापक और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के ससुर नारायण मूर्ति ने भी दिल्ली की यातायात व्यवस्था पर तीखा हमला किया. IIMA के स्थापना दिवस पर दिल्ली आए नारायण मूर्ति ने मंगलवार को कहा उन्हें दिल्ली आने में बेहद असुविधा होती है. एयरपोर्ट से शुरू अपने सफर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी तादाद में वाहन चालक ट्रैफिक सिग्नल तोड़कर निकल रहे थे. जिन्हें रोकने वाला वहां कोई नहीं था.
बात शहर की सड़कों पर होने वाली आपराधिक वारदातों में लापरवाही की हो या अवैध पार्किंग और अतिक्रमण से होने वाले यातायात जाम की, इन दोनों ही समस्याओं को हल किया जा सकता है. मगर इसके लिए आला अफसरों को दफ्तरों से निकलकर समस्या प्रभावित और संवेदनशील इलाकों में गश्त करनी पड़ेगी. उप राज्यपाल पुलिस अधिकारियों को सड़क पर उतरने और जनता से संवाद स्थापित करने की नसीहत भी दी.
एक आला पुलिस अधिकारी के अनुसार बीते कुछ महीनों से दिल्ली पुलिस का पूरा सिस्टम ठप सा नजर आ रहा है. ऐसे में G-20 समिट से पहले इसे दुरुस्त करना बेहद अहम है. क्योंकि उस दौरान होने वाली कोई भी बड़ी आपराधिक घटना देश की छवि दागदार बना सकती है. इसके लिए पुलिस तंत्र को बेहद सुदृढ़ करना जरुरी है. उप राज्यपाल ने भी इस बारे में साफ़ शब्दों में कहा है कि विभाग अपना तंत्र मजबूर कर नागरिकों को अपना आँख-कान बनाने पर ध्यान दे. मगर इसके लिए जरुरी है कि विभाग जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने पर ध्यान दे.
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