विश्लेषण

कैसे रुकेगी भारत के जंगलों की आग? वन्य जीवों और जनजीवन पर मंडरा रहा बड़ा खतरा

गर्मियां शुरू होती हैं तो भारत के वनों में आग लगने का सिलसिला तेज हो जाता है। इस साल अप्रैल का महीना शुरू हुआ कि देश के वन विभिन्न कारणों से लगी आग से कहीं कम तो कहीं अधिक धधक रहे हैं। वन संपदा में लगी आग पर्यावरण की दृष्टि से जितनी खतरनाक है उतनी ही वन्य जीवों, जनजीवन और बायोडायवर्सिटी की दृष्टि से भी हानिकारक है। ऐसे समय में जब जंगलों में आग लगती है तो देखा गया है कि उसकी तैयारी में कहीं ना कहीं सरकार विफल रही है। विश्व में हर वर्ष करीब 7 करोड़ हेक्टेयर वन क्षेत्र आग लगने की घटनाओं से प्रभावित होता है।

अप्रैल महिने में वनों की आग के ये हैं आंकडे़

देश के वनों में आग की घटनाओं की निगरानी को फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की साइट पर लांच बीटा संस्करण SNPP & VIIRS भारत के वनों में लगी भीषण आग के मौजूद आंकड़ों पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि 1 अप्रैल को देश के वनों में 132 जगहों पर आग का रूप बड़ा ही विकराल था, वहीं 10 अप्रैल को 361 जगहों पर आग की घटना दर्ज हुी.।1 अप्रैल से 24 अप्रैल तक वनों में लगी आग के आंकडे देखे तो आंध्र प्रदेश में 443, अरूणाचल प्रदेश में 25, असम में 271, बिहार में 113, छत्तीसगढ में 526, गुजरात में 51, हिमाचल में 5, जम्मु कश्मीर में 2, झारखंड में 258, कर्नाटक में 40, केरल में 15, मघ्यप्रदेश में 399, महाराष्ट में 152, मणिपुर में 102, मेघालय में 77, उड़ीसा में 617, राजस्थान में 70, तमिलनाडू में 71, तेलंगाना में 304, त्रिपुरा में 124, उत्तरप्रदेश में 132, उत्तराखंड में 306 और पश्चिम बंगाल में 45 बार बड़ी आग की घटनाएं हुई हैं।

आग की घटनाओं से प्रभावित टाॅप फाइव राज्य

जंगल की आग से वनों का क्षरण तो होता ही है बहुमूल्य वन संपदा और कार्बन भी नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित होता है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया भारत में 2004 से सेटेलाइट की रिमोट सेंसिंग अर्थात मॉडरेट रेजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रो रेडियोमीटर सेंसर (MODIS) और 2017 से भारतीय सेटेलाइट SNPP & VIIRS अर्थात सुओमी- नेशनल पोलर आर्बिटिंग पार्टनरशिप-विजिबल इंफ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सूट के जरिए जीआईएस टूल्स की मदद से सम्पूर्ण भारत के वनों की आग की घटनाओं को मॉनिटर कर रहा है।

अप्रैल माह में आग की घटनाओं में टॉप फाइव राज्यों के वन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ में 526, आंध्र प्रदेश में 443, मध्य प्रदेश में 399, उड़ीसा में 617 और तेलंगाना में 304 जगहों पर बड़ी आग लगी। वहीं 1 नवंबर, 2023 से 2024 में अबतक की बड़ी आग की घटनाओं में टॉप फाइव राज्यों में आंध्र प्रदेश में 1018, मध्य प्रदेश में 806, तेलंगाना 774, उड़ीसा में 770 और छत्तीसगढ में 728 बार आग लगी। जबकि वर्ष 2022-2023 में तो पूरे देश के वनों में 12562 आग की घटनाएं हुई।

देश के 36 प्रतिशत वनों में लगी बार बार आग

देश का कुल भोगोलिक क्षेत्र 32,87,469 वर्ग किलोमीटर है। नवीनतम आईएसएफआर 2021 के अनुसार, देश का कुल 7,13,789 वर्ग किलोमीटर में वन आवरण है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.71 प्रतिशत है। वन सर्वे ऑफ इंडिया का अनुमान है कि देश में 36 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र में बार-बार आग लगती रहती है। जबकि करीब 4 प्रतिशत वन क्षेत्र में अधिक तो 6 प्रतिशत भाग में सबसे अधिक आग लगने का खतरा रहता है।

22 सालों के रिकॉर्ड में 2016 में हुई सबसे अधिक आग से क्षति

ग्लोबल फॉरेस्ट वाॅच के अनुसार विश्व स्तर पर आग से वर्ष 2001 से 2022 के बीच 126 मिलियन हेक्टेयर वनों का नुकसान हुआ, इनमें वर्ष 2016 ऐसा वर्ष रहा जिसमें आग से सबसे अधिक 9.63 मिलियन हेक्टेयर वन आवरण का नुकसान हुआ। पिछले कुछ दशकों में आग की घटनाओं को देखें तो 2001 से 2022 के बीच भारत में आग की घटनाओं से 35.9 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष आवरण को नुकसान हुआ। इसमें भी वर्ष 2008 में आग से सबसे अधिक 3.5 प्रतिशत वन आच्छादित क्षेत्रों के क्षति पहुंची है.

विश्व में करीब 7 करोड़ हेक्टेयर वन क्षेत्र आग से प्रभावित

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व में हर वर्ष करीब 7 करोड़ हेक्टेयर वन क्षेत्र आग लगने की घटनाओं से प्रभावित होता है। इससे बड़े स्तर पर पर्यावरणीय और आर्थिक क्षति होती है। ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के अनुसार विश्व में सन् 2001 से 2022 के बीच आग से विश्व स्तर पर 126 मिलियन हैक्टेयर वन आग से कम हुए, जिसमें 2016 मे सर्वाधि 9.63 प्रतिशत नुकसान हुआ। सन 2010 में कुल 3.92 गीगा हेक्टेयर वृक्ष आवरण था जो पृथ्वी के 30 प्रतिशत से अधिक भू-भाग में फैला हुआ था। लेकिन 2023 में विभिन्न कारणों से 28.3 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष आवरण कम हो गया। सन 2001 से 2023 तक वैश्विक स्तर पर 488 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष आवरण की हानि हुई, जो साल 2000 के बाद से वृक्ष आवरण में 12 प्रतिशत की कमी के बराबर है। जबकि सन् 2002 से 2023 के बीच कुल 76.3 मिलियन हेक्टेयर आर्द्र प्राथमिक वन कम हो गया।

वर्ष 2002 से 2023 तक 134 हजार हैक्टेयर वनों की हानि

ग्लोबल फोरेस्ट वाॅच के अनुसार, केवल भारत की बात करें तो सन 2010 में 31.3 मिलियन हेक्टेयर प्राकृतिक आद्र वन थे जो कि कुल भूमि का 11 प्रतिशत था, लेकिन वर्ष 2023 में विभिन्न कारणों से 134 हजार हेक्टेयर आद्र प्राकृतिक वन की हानि हो गई। वर्ष 2002 से 2023 के बीच भारत में 414 हेक्टेयर आर्द्र प्राथमिक वन खो दिए। इस तरह इस अवधि में कुल 4.1 प्रतिशत वन क्षेत्रफल कम हो गया। जिसमें 2016 और 2017 में अधिक हानि हुई। वर्ष 2001 से वर्ष 2023 के बीच राज्यवार वृक्ष आवरण नुकसान की बात करें तो असम राज्य में सबसे अधिक 324 हेक्टेयर वृक्ष आवरण की कमी हुई, असम के बाद क्रमशः मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मणिपुर राज्यों का स्थान रहा। सन 2000 में भारत में कुल भूमि का 11 प्रतिशत वृक्ष आवरण था। वर्ष 2000 से 2020 के बीच भारत ने 1.88 मेगा हेक्टेयर अर्थात 1.4 प्रतिशत वन आवरण भी बढ़ाया।

इसे भी पढ़ें: भारत में धार्मिक पर्यटन छू रहा नित नई ऊचाईयां

ये आग कैसे रुकेगी

वनों में आग लगने से बड़े पैमाने पर मानवीय, पर्यावरण और आर्थिक हानि होती है। इसलिए आग फेलने से रोकना बहुत ही जरूरी है। वनों की आग को नियंत्रित करने में सरकार अभी बहुत पीछे हैं। वही पुराने साधन और संसाधनों से आग पर काबू पाने के लिए राज्यों के महकमे लगे हुए है। वन सूची रिकॉर्ड के अनुसार भारत में 54.40 प्रतिशत जंगल में कभी-कभी आग लगती है, जबकि 7.49 प्रतिशत में औसत दर्जे की और 2.40 प्रतिशत में आग की बड़ी घटनाएं होती है। यह भी देखा गया कि 35.71 प्रतिशत जंगल में अभी तक किसी भी तरह की आग नहीं लगी है। तकनीक से हम बेहतर तरीके से मॉनिटर कर पा रहे हैं, लेकिन विकसित देशों की तरह वनों की आग को काबू पाने के इंतजामों को अधिक सक्रिय करने की जरूरत है।

अनिरूद्ध गौड़, वरिष्ठ पत्रकार

Recent Posts

Election 2024: Gorakhpur के मुसलमानों ने Yogi Adityanath के लिए कह दी ऐसी बात, सुनकर Akhilesh Yadav हो जाएंगे हैरान!

Video: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर पहुंची भारत एक्सप्रेस की टीम…

23 mins ago

पेड़ों की कटाई के मामले में DDA की ओर से दाखिल हलफनामे पर Supreme Court ने नाराजगी जाहिर की

सुप्रीम कोर्ट राजधानी दिल्ली के एक इलाके में पेड़ों की अवैध कटाई के खिलाफ दायर…

43 mins ago

Lok Sabha Election 2024: यूपी के डुमरियागंज की जनता ने किस नेता की खोल दी पोल, देखिए…

Video: देश में जारी चुनावी सरगर्मियों के बीच भारत एक्सप्रेस की टीम ने उत्तर प्रदेश…

53 mins ago

आईपीएल में महेंद्र सिंह धोनी के आगे खेलने को लेकर माइकल हसी ने क्या कहा?

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बल्लेबाजी कोच माइकल…

1 hour ago