India Alliance Meeting: 19 दिसंबर 2023 को विपक्षी महागठबंधन की मीटिंग हुई थी, जिसमें सीट शेयरिंग से लेकर पीएम फेस पर चर्चा हुई थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम फेस बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसका सपोर्ट दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी किया है. इस दौरान सीट शेयरिंग पर भी चर्चा हुई. ममता ने मांग की है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ें. इन सबसे इतर कांग्रेस यूपी को लेकर ज्यादा संजीदा है और यह चर्चा भी हुई कि इंडिया गठबंधन के साथ समाजवादी पार्टी और आरएलडी तो है ही, लेकिन पार्टी बीएसपी को भी गठबंधन में शामिल करना चाहते है. इसी मामले में गठबंधन मुसीबत में घिरता नजर आ रहा है.
जानकारी के मुताबिक जब इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान मायावती पर चर्चा हुई तो समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस पर सवाल खड़े कर दिए. अखिलेश यादव ने तो इस मामले में कांग्रेस को अपना रुख साफ करना पड़ेगा, जिसके बाद सपा अपना स्टैंड बता पाएगा. सूत्रों का कहना है कि इस मामले में बात करते हुए अखिलेश यादव काफी तल्ख थे. खबरें यह भी है कि मायावती के गठबंधन में आने का विरोध केवल अखिलेश यादव ने ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने भी किया है. उन्होंने तो यह तक कह दिया है कि वे गठबंधन ही छोड़ देंगे.
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बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरे थे. तब मायावती की पार्टी ने इस गठबंधन में जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल को तवज्जो नहीं दी थी, बाद में अखिलेश यादव ने अपने कोटे से आरएलडी को सीट दी थी. वह टीस जयंत के दिल में थी और उन्होंने इंडिया गठबंधन की बैठक में मौके पर चौका मारते हुए पुराना हिसाब-किताब बराबर कर लिया.
अखिलेश यादव ने जब इंडिया गठबंधन में मायावती की एंट्री रोकने के लिए पहल की तो जयंत चौधरी भी आ गए. जयंत चौधरी ने दो टूक कह दिया कि अगर मायावती को लाने की कोशिश हुई तो उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन से अलग हो जाएगी. अखिलेश यादव ने भी ये कह दिया था कि मायावती की पार्टी गठबंधन में शामिल हुई तो सपा एक हफ्ते में अपनी राहें अलग कर लेगी.
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अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन की मीटिंग में मायावती को लेकर बवाल कर लिया है. अखिलेश यादव ने कहा है कि क्या गठबंधन का कोई साथी दल बसपा से बात कर रहा है और अगर कोई साथी दल बसपा से बात कर रहा है तो सपा इस गठबंधन से अलग हो सकती है. अखिलेश की इस बात के जवाब में कांग्रेस की ओर से कहा गया कि ऐसी कोई गंभीर कोशिश हमारी तरफ से नहीं हो रही है. मौके की नजाकत को भांपते हुए जयंत चौधरी ने भी बसपा को लेकर अपनी लाइन खींच दी है, ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर इंडिया गठबंधन का भविष्य यूपी में क्या है.
-भारत एक्सप्रेस
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