बिजनेस

Adani Group पर भरोसा कायम, IHC ने कहा- निवेश पर दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं

अबू धाबी के ग्लोबल सॉवरेन फंड इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने गुरुवार (28 नवंबर) को कहा कि अमेरिका में अडानी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद ग्रुप में निवेश पर उनके दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आया है. अपने बयान में आईएचसी ने कहा, ‘अडानी ग्रुप के साथ साझेदारी ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी सेक्टर्स में उनके योगदान में हमारे विश्वास को दर्शाती है.’

नहीं आया कोई बदलाव

आईएचसी का नाम दुनिया के बड़े सॉवरेन फंड्स में शामिल है और यह 100 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्तियों का प्रबंधन करता है. आईएचसी ने आगे कहा कि हमारी टीम सभी निवेशों की जरूरी जानकारी और विकास का मूल्यांकन करना जारी रखती है. इस समय अडानी ग्रुप में निवेशों पर हमारे दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आया है.

अप्रैल 2022 में सॉवरेन फंड ने अडानी ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी और बिजली कंपनी अडानी ट्रांसमिशन में लगभग 500 मिलियन डॉलर और ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में 1 अरब डॉलर का निवेश किया था.

साझेदारी में भरोसा

श्रीलंका की पोर्ट अथॉरिटी द्वारा भी अडानी ग्रुप के साथ साझेदारी में विश्वास जताया गया है. देश के पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर में अडानी ग्रुप के इस प्रोजेक्ट का काफी महत्व है. अडाणी ग्रुप के द्वारा कोलंबो टर्मिनल में एक अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया जा रहा है. श्रीलंका के पोर्ट सेक्टर में यह अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश है.

तंजानिया सरकार ने भी अडानी पोर्ट्स के साथ अपने समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, ‘चल रही परियोजनाओं के बारे में कोई चिंता नहीं है और सभी अनुबंध पूरी तरह से देश के कानून का अनुपालन करते हैं.’

अडानी ग्रुप पर भरोसा

इसके अलावा शीर्ष निवेशकों की ओर से अडानी ग्रुप के शेयरों पर गुरुवार को भरोसा जताया गया. जीक्यूजी पार्टनर्स ने कहा कि हमें नहीं लगता कि इस तरह के एक्शन से कंपनी के कारोबार पर कोई असर होगा.

उन्होंने आगे कहा कि कंपनी द्वारा किए जा रहे बिजनेस क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में आते हैं और इन्हें भारत सरकार द्वारा रेगुलेट किया जाता है. ज्यादातर मामलों में इसमें लंबी अवधि कॉन्ट्रैक्ट होते हैं. हमें विश्वास है कि कंपनी का आधार मजबूत बना हुआ है.

अडानी समूह ने क्या कहा

आईएचसी का यह बयान अडानी समूह द्वारा इस बात पर जोर दिए जाने के तुरंत बाद आया है कि उसके चेयरमैन और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम एफसीपीए के तहत आरोप नहीं लगाए गए हैं, लेकिन उन पर तीन अन्य आरोप लगाए गए हैं, जिनमें प्रतिभूति और वायर धोखाधड़ी शामिल है, जो मौद्रिक जुर्माने के साथ दंडनीय हैं.

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने ने स्टॉक एक्सचेंज को एक फाइलिंग में कहा है, पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क की एक अदालत में दायर अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग में पोर्ट-टू-एनर्जी समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर या विनीत जैन का एफसीपीए का उल्लंघन करने की साजिश से संबंधित किसी भी मामले में उल्लेख नहीं किया गया है.

मालूम हो कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड सौर ऊर्जा बिक्री अनुबंधों को सुरक्षित करने के लिए भारतीय अधिकारियों को कथित रूप से 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दिए जाने के आरोप के केंद्र में है, जिससे फर्म को 20 साल की अवधि में 2 बिलियन अमरीकी डालर का लाभ मिल सकता है.

-भारत एक्सप्रेस

आईएएनएस

Recent Posts

यूपी सरकार को चकमा देकर 30 साल से 24 लोग कर रहे थे नौकरी, अब सैलरी के साथ पेंशन भी वसूला जाएगा

शुरुआती शिकायत और जांच के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. आरोप है…

5 mins ago

मूंगफली ने छीन ली एक कॉलेज छात्रा की जिंदगी: टेक्सास में हुआ दर्दनाक हादसा

अमेरिका के टेक्सास में एक दर्दनाक घटना ने सबको झकझोर दिया. 23 साल की एलिसन…

6 mins ago

हड़प्पाकालीन शहर लोथल में खोज के दौरान मिट्टी ढहने की घटना में IIT Delhi के छात्रा की मौत

गुजरात के अहमदाबाद शहर से 80 किलोमीटर दूर स्थित लोथल को प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता…

36 mins ago

अगर तबीयत बिगड़ते ही Google पर लक्षण सर्च करने की आदत है तो इस बीमारी से हो सकते हैं पीड़ित

ये बिमारी एक आदत के रूप में शुरू होती है, लेकिन यह मानसिक स्वास्थ्य पर…

57 mins ago

रेलवे कंबल धोता भी है या नहीं, रेल मंत्री ने सीधे-सीधे जवाब दे दिया

दरअसल कांगेस के गंगानगर से सांसद कुलदीप इंदौरा  (Kuldeep Indora) ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव…

1 hour ago