International Monetary Fund: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार अगले वित्तिय वर्ष 2023-2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी देखी जा सकती है. इसे लेकर IMF ने बताया की अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत विकास दर की रफ्तार से आगे बढ़ेगी.
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली संस्था विश्व आर्थिक आउटलुक के अनुसार वैश्विक विकास दर के 2023 में 2.9 प्रतिशत होने का अनुमान है. हालांकि, 2024 में यह एक बार फिर बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो जाएगा.
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास का कहना है कि 2022 के अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही और 2023 में जनवरी-मार्च की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की दर 6.8 फीसदी रहेगी. वहीं भारत की GDP में वित्तिय वर्ष 2023-24 के दौरान गिरावट आएगी और यह 6.1 फीसदी के दर से बढ़ेगी.
आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बताते हुए कहा गया है कि साल 2024 में विकास दर के 6.8 प्रतिशत तक पहुंचने से पहले 2023 में यह घटकर 6.1 प्रतिशत हो जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक तेजी से विकासशील एशिया में वृद्धि 2023 और 2024 में क्रमशः 5.3 फीसदी और 5.2 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है.
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चीन की GDP में हो सकती है गिरावट, अमेरिका भी नहीं टक्कर में
वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक जनवरी-मार्च के बीच चीन की जीडीपी (GDP) में 0.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा सकती है. गिरावट के बाद यह 3.0 फीसदी तक पहुंच सकता है. विगत 40 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि चीन की GDP विश्व अर्थव्यवस्था की विकास दर से भी कम दर्ज की गई है. इसके पीछे चीन की कई नीतियों को जिम्मेदीर मान गया है.
हालांकि, इस साल 2023 में चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार होते हुए इसके 5.2 फीसदी की दर से आगे बढ़ने की संभावना है. साल 2022 में चीन GDP में भारी गिरावट के पीछे इसकी जीरो कोविड नीति को कारण बताया गया है.
जिस वजह से यह गिरकर 4.3 प्रतिशत तक पहुंच गया था. IMF के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि अगर हम चीन और भारत दोनों को एक साथ देखें तो 2023 में उनका विश्व विकास में करीब 50 प्रतिशत का महत्वपूर्ण योगदान है. वहीं आईएमएफ के मुताबिक 2023 में अमेरिका की इकॉनमी का ग्रोथ रेट 1.4 फीसदी रह सकता है, जो कि भारते के कहीं आस पास भी नहीं टिकता.
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