Congress leader AK Antony on his son Anil Antony: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मंगलवार को कहा कि केरल की पत्तनमथिट्टा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहा उनका बेटा अनिल के. एंटनी चुनाव में जीतना नहीं चाहिए. एंटनी ने लंबे समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनके बेटे की पार्टी को हारना चाहिए और दक्षिण केरल निर्वाचन क्षेत्र में उसके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार एंटो एंटनी को जबर्दस्त तरीके से जीतना चाहिए.
एंटनी ने बेटे की राजनीति के बारे में बार-बार पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस मेरा धर्म है. केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए के एंटनी (83) ने कहा कि उन्होंने मीडिया को संबोधित करने के लिए अपने स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को दरकिनार कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि उन्हें बाहर आकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. यह चुनाव “भारत के विचार और उसके संविधान की रक्षा” के लिए है. एंटनी ने कहा, “यह करो या मरो की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार के वास्ते तिरुवनंतपुरम के बाहर नहीं जा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भले ही वह पत्तनमथिट्टा में प्रचार के लिए नहीं जाएं, फिर भी एंटो एंटनी जीतेंगे.
एंटनी ने कहा, “मेरे लिए, परिवार और राजनीति अलग-अलग हैं. यह रुख नया नहीं है, मैंने केएसयू में अपने दिनों से ही इसे बरकरार रखा है. केरल छात्र संघ (केएसयू) केरल में कांग्रेस का छात्र संगठन है. वहीं अनिल एंटनी ने अपने पिता की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस में प्रासंगिकता खो चुके नेता हैं और उन्हें अपने पिता एवं पूर्व रक्षा मंत्री के प्रति सहानुभूति है, जो मौजूदा सांसद एवं कांग्रेस सदस्य एंटो एंटनी का समर्थन कर रहे हैं जिन्होंने हाल ही में पुलवामा आतंकवादी हमले पर बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था.
पत्रकारों से बात करते हुए, अनिल ने कहा कि वह पत्तनमथिट्टा में विजयी होंगे. ए के एंटनी का रुख कांग्रेस के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर आया है क्योंकि अनिल और कांग्रेस के दिवंगत नेता के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल के केरल में भाजपा में शामिल होने जाने के बाद पार्टी बचाव की मुद्रा में थी. एंटनी के राजनीतिक विरोधियों के कुछ हलकों से आरोप लगाए गए थे कि अनिल अपने परिवार के मौन आशीर्वाद से भाजपा में शामिल हुए थे, खासकर जब उनकी मां एलिजाबेथ एंटनी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था उन्हें पता था कि उनका बेटा भाजपा में शामिल होगा.
कोविड-19 के बाद एक लंबे संवाददाता सम्मेलन में, एंटनी ने केरल में भाजपा और वाम मोर्चा सरकार पर निशाना साधा और दोहराया कि लोगों को भारत को ‘पुनर्निर्मित’ करने और भारतीय संविधान की भावना की रक्षा के लिए कांग्रेस के पीछे क्यों एकजुट होना चाहिए. एंटनी ने कहा, “जो पार्टी केंद्र में शासन कर रही है वह भारत की अवधारणा को नष्ट करने की कोशिश कर रही है और महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इस खतरे को कैसे रोका जाए. उन्होंने कहा कि केरल में भाजपा के सुनहरे साल पहले ही खत्म हो चुके हैं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) राज्य के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर रहेगा.
उन्होंने कहा कि सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश विवाद के कारण 2019 के आम चुनावों के दौरान भाजपा का स्वर्ण युग था और वे कुछ अतिरिक्त वोट हासिल कर सकते थे. एंटनी ने कहा, “इस साल ऐसा कोई कारक नहीं है जो भाजपा के पक्ष में हो और उन्हें वोट का कम हिस्सा मिलने जा रहा है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर कटाक्ष करते हुए एंटनी ने कहा कि न तो विजयन और न ही उनकी पार्टी का भारत के संविधान के निर्माण से कोई लेना-देना है और इसके निर्माण का पूरा श्रेय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और डॉ. बी आर आंबेडकर को जाता है.
उन्होंने लोगों से नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शासन को खत्म करने के लिए कांग्रेस को वोट देने का आह्वान किया. एंटनी ने कहा, ‘‘अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो भारत के संविधान को नुकसान पहुंचाया जाएगा और यह लोकतंत्र का अंत होगा। हमें उस खतरे को दूर करने की जरूरत है।”
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