पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों में से एक के बेटे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पंजाब की फरीदकोट सीट से लोकसभा का चुनाव जीत लिया है. इनका नाम सरबजीत सिंह खालसा है, जो इंदिरा गांधी के दो हत्यारों में से एक बेअंत सिंह के बेटे हैं.
सरबजीत सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के करमजीत सिंह अनमोल को 70,053 मतों से मात दी. सरबजीत सिंह खालसा को कुल 2,98,062 वोट प्राप्त हुए, जबकि करमजीत को 2,28,009 मतों से संतोष करना पड़ा. फरीदकोट सीट से 1,60,357 मतों के साथ अमरजीत कौर सहोके तीसरे नंबर पर रहीं.
तत्कालीन प्रधानमंत्री के अंगरक्षक बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की उनके आवास पर हत्या कर दी थी.
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सरबजीत सिंह खालसा ने इससे पहले कहा था, ‘फरीदकोट की संगत ने ही मुझसे चुनाव लड़ने के लिए संपर्क किया था.’ मोहाली में रहने वाले खालसा ने चुनाव प्रचार के दौरान 2015 में हुई बेअदबी की घटनाओं का मुद्दा उठाया था, जिसमें सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की गई थी, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुए और फरीदकोट में बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले दो लोगों की मौत हो गई थी.
चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने ‘बंदी सिंह’ (सिख कैदी जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है) का मुद्दा भी उठाया. नशीले पदार्थों की समस्या, नदी जल, न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की किसानों की मांग जैसे मुद्दे भी उन्होंने उठाए थे.
उन्होंने 2004 में शिअद (अमृतसर) के टिकट पर बठिंडा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें 1.13 लाख वोट ही मिल पाए थे. उन्होंने 2007 में बरनाला की भदौर सीट से पंजाब विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन इसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने 2014 में बसपा के टिकट पर फतेहगढ़ साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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