Nana Patekar: शानदार एक्टिंग के लिए अभिनेता नाना पाटेकर को भला कौन नहीं जानता. उनकी एक्टिंग के सभी कायल हैं. वह लगातार 46 साल से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और तमाम फिल्मों में वह न भूलने वाली भूमिका निभा चुके हैं. इसके अलावा देश भक्ति का जज्बा भी उनके अंदर है.
शायद कम लोग ही जानते हों कि नाना पाटेकर एक भारतीय प्रादेशिक सेना (Indian Territorial Army) में भी रह चुके हैं और कारगिल युद्ध का भी हिस्सा रहे हैं. इस बात का खुलासा सालों बाद उन्होंने किया है और आपबीती भी बताई है.
बता दें कि कारगिल युद्ध के लिए नाना पाटेकर ने कुछ समय के लिए एक्टिंग से ब्रेक ले लिया था. एक मीडिया को दिए साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि उस वक्त फर्नाडिस साहब रक्षामंत्री थे और हम युद्ध में जाना चाहते थे. हमने कंमाडो कोर्स पूरा किया था. अच्छे शूटर हैं. नेशनल खेले हैं. हमको मेडल भी मिला हुआ है.
नाना पाटेकर ने बताया कि युद्ध के दौरान हमने वहां फोन किया. हमने कहा कि हमें वॉर में जाना है. वहां से कहा गया कि आप सिविलियन हैं. इसलिए नहीं जा सकते लेकिन फर्नाडिस साहब हमें जानते थे. इसलिए फिर उन्होंने हमसे पूछा कि कब जाना है. इस पर मैंने कहा कि अभी जाना है. इसी के बाद मैं क्विक रिएक्शन टीम का सदस्य बन गया और तुरंत कारगिल युद्ध के लिए चला गया.
नाना पाटेकर ने आज के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि इतना सा तो कुछ हम कर सकते हैं देश के लिए. हमारा सबसे बड़ा हथियार बोफोर्स या एके 47 नहीं बल्कि हमारे जवान हैं. बता दें कि नाना पाटेकर हिंदी फिल्मों के साथ ही मराठी सिनेमा में भी खूब धूम मचा चुके हैं. नाना पाटेकर ने साल 1991 में आई फिल्म ‘प्रहार’ में मेजर प्रताप चौहान का रोल प्ले किया था.
नाना पाटेकर ने कारगिल युद्ध की यादों को ताजा करते हुए बताया कि ‘जब मैं युद्ध में गया था, तब 76 किलो वजन था लेकिन जब लौटा तो 56 किलो का हो गया था. वह बोले कि दो महीने में ही हड्डी पसली कम हो गई थी. पर सच कहें, तो हमको देश के लिए इतना करके बहुत खुशी मिली.’
नाना पाटेकर ने साक्षात्कार के दौरान कहा कि अजीत डोभाल उनके लिए भाई की तरह हैं. उन्हें दोस्त कहना गलत है. अजीत डोभाल के साथ उनका रिश्ता बेहद खास और अनोखा है.
साक्षात्कार के दौरान नाना पाटेकर ने राजनीति में जाने और किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने के सवाल को लेकर कहा, ‘मैं इसका हिस्सा नहीं बन सकता, क्योंकि मैं स्पष्टवादी हूं. मैं वही कहता हूं जो मैं चाहता हूं. इस बार भी मुझसे पूछा गया, लेकिन अगर मैं पार्टी प्रमुख को पागल कहूंगा तो वह मुझे पार्टी से निकाल सकते हैं.’
-भारत एक्सप्रेस
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