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क्‍या आप इस पौधे को पहचानते हैं? दांतों की परेशानी, घाव, पेट की समस्याओं में कारगर, जानें कैसे करें यूज

Medicinal Plants: अपामार्ग एक ऐसा पौधा है, जिसे चिरचिटा, लटजीरा, चिरचिरा या चिचड़ा भी कहते हैं. यह एक आम पौधा है जिसे आपने अपने घर के आसपास या जंगल-झाड़ियों, खाली जगहों पर जरूर देखा होगा. बता दें कि ज्यादातर लोग इस पौधे को बेकार समझते हैं, क्योंकि वो इस पौधे के बारे में नहीं जानते है. लेकिन अपामार्ग कोई साधारण पौधा नहीं है.

अपामार्ग एक औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसके कई फायदे हैं. यह पौधा दांतों की परेशानी, घाव, पेट की समस्या और कई दूसरी बीमारियों में भी काम आता है. अपामार्ग पौधा दो तरह का होता है: एक सफेद और दूसरा लाल होता हैं. लेकिन दोनों के अपने अलग- अलग गुण हैं. अपामार्ग का इस्तेमाल कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है. आचार्य सुश्रुत ने इसके क्षार – छेदन, भेदन, लेखन, शोषण और त्रिदोष शमन गुणों के बारे में भी बताया हैं.

औषधीय गुणों से भरपूर अपामार्ग

अगर हम सफेद अपामार्ग पौधे की बात करें तो यह कई तरह से लोगो की मदद करता है. अगर दांत में दर्द हो, तो इसके 2-3 पत्तों का रस निकालकर रुई से दर्द वाले जगह लगाएं, दर्द से राहत मिलेगा. यदि आप अपामार्ग के जड़ से रोज दातून करने से दांत मजबूत होते हैं. साथ ही मसूड़ों की कमजोरी दूर होती है और मुंह की बदबू भी चली जाती है. अगर किसी को त्वचा की समस्या जैसे फोड़े-फुंसी तो इसके पत्तों को पीसकर लगाने से राहत मिलती है. मुंह में छाले हों तो इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारे करने से ठीक हो जाते हैं. जिन्हें बहुत ज्यादा भूख लगती है, वे इसके बीजों का 3 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार एक हफ्ते तक लें, इससे भूख कंट्रोल होगी. बीजों की खीर बनाकर खाने से भी यही फायदा होता है.

आंखों में दर्द, पानी बहने, रतौंधी में लाभकारी

आंखों में दर्द, पानी बहना या रतौंधी होने पर 2 ग्राम जड़ का रस शहद के साथ डालने से राहत मिलती है. कटने या छिलने पर इसके पत्तों का रस लगाने से खून रुक जाता है. पुराने घावों में जड़ को तिल के तेल में पकाकर लगाने से दर्द कम होता है और घाव जल्दी भरता है. दमा में इसके सूखे पत्तों को हुक्के में पीने से सांस लेने में आसानी होती है. बच्चों की खांसी और कफ की समस्या में 125 मिलीग्राम अपामार्ग क्षार को शहद के साथ देने से लाभ होता है.

लाल अपामार्ग भी उतना ही उपयोगी है. यदि भूख कम लगती हो, तो इसकी जड़ या पंचांग का 10-30 मिली काढ़ा पीने से भूख बढ़ती है. कब्ज की समस्या में इसके तने और पत्तों का 1-2 ग्राम चूर्ण लेने से आराम मिलता है. यदि पेशाब में दर्द या रुकावट हो, तो इसके पत्तों का काढ़ा चीनी के साथ पीने से लाभ होता है. पेचिश और हैजा में भी इसका काढ़ा प्रभावी होता है.

अपामार्ग का उपयोग सही मात्रा में करना आवश्यक है: रस 10-20 मिली, जड़ का चूर्ण 3-6 ग्राम, बीज 3 ग्राम और क्षार 0.5-2 ग्राम. यह आसानी से मिलने वाला पौधा है, लेकिन इसके सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना उचित है.

-भारत एक्सप्रेस

Aarika Singh

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