Rahul Gandhi Disqualified: 2019 में ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के मामले में गुजरात की सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिया था और 2 साल की सजा सुनाई. हालांकि, कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत देते हुए उन्हें अपील के लिए 30 दिनों का वक्त दिया है. लेकिन इसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. राहुल गांधी ने 2019 में वायनाड से चुनाव जीता था. फिलहाल, यह तय नहीं है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले वायनाड में उपचुनाव होगा या नहीं.
लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. ये पहला मौका नहीं है जब गांधी परिवार के किसी सदस्य की सदस्यता रद्द की गई है. इसके पहले राहुल गांधी की मां और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी. 2006 में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) रायबरेली से सांसद थीं और यूपीए सरकार के वक्त गठित राष्ट्रीय सलाहकार समिति की चेयरपर्सन भी थीं. इसको लाभ का पद करार दिया था.
इसके बाद सोनिया गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और दोबारा रायबरेली से चुनाव जीतकर आई थीं. वहीं राहुल गांधी की दादी और देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को भी 48 साल पहले लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी. ये मामला 12 जून, 1975 का है जब इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस जगमोहन सिन्हा ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था.
तब उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा था, “रायबरेली के चुनाव में इंदिरा गांधी धांधली की दोषी पाई गई हैं, जिसके बाद उनका चुनाव रद्द किया जाता है.” इस फैसले के बाद इंदिरा गांधी को अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. रायबरेली से उनकी जीत को राजनारायण ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और यह मामला इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण केस के तौर पर जाना जाता है.
वहीं 48 साल के बाद अब राहुल गांधी को भी अपनी सदस्यता गंवानी पड़ गई है. इससे पहले 2019 में राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी थी. अवमानना के मामले में पहले दायर किए गए दो हलफनामों में राहुल गांधी ने केवल खेद व्यक्त किया था, जिस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी.
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