संसद में डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर दिए गए बयानों पर सियासी घमासान मच गया है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने बुधवार को संसद में जोरदार हंगामा किया. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह का समर्थन करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “डॉ. आंबेडकर को लेकर अमित शाह ने कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश किया है. झूठ बोलने से कांग्रेस के दशकों पुराने पाप नहीं छिप सकते. कांग्रेस ने वर्षों तक डॉ. आंबेडकर का अपमान किया है.”
प्रधानमंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “अगर कांग्रेस और उसका भ्रष्ट इकोसिस्टम यह सोचता है कि उनके झूठ से डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके किए गए अपमान और अन्याय को भुलाया जा सकता है, तो वे पूरी तरह से गलतफहमी में हैं.”
प्रधानमंत्री ने सिलसिलेवार तरीके से बताया कि कैसे कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर और एससी/एसटी समुदायों के साथ अन्याय किया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर को न केवल एक बार बल्कि दो बार चुनाव में हराने की साजिश रची. यहां तक कि पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और इस हार को अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया.”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “डॉ. आंबेडकर को भारत रत्न देने से कांग्रेस ने इनकार किया. संसद के सेंट्रल हॉल में उनकी तस्वीर को सम्मानित स्थान देने से भी इनकार किया गया. कांग्रेस ने हमेशा एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने और उन्हें हाशिये पर रखने के लिए गंदी राजनीति की.”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में एससी और एसटी समुदायों के खिलाफ कई भीषण नरसंहार हुए. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने दशकों तक सत्ता में रहते हुए इन समुदायों के सशक्तिकरण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया.”
प्रधानमंत्री मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा करते हुए कहा, “अमित शाह जी ने संसद में कांग्रेस द्वारा डॉ. आंबेडकर और एससी/एसटी समुदायों के साथ किए गए अन्याय को उजागर किया है. उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्य विपक्ष को चौंका देने वाले थे, और यही वजह है कि वे अब ड्रामेबाजी में उलझे हैं. लेकिन दुखद बात यह है कि जनता सच्चाई जानती है.”
मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर निशाना साधा.
अमित शाह ने अपने बयान में कहा, “आजकल एक फैशन बन गया है – ‘अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर’. अच्छा है, हमें खुशी है कि अब लोग अंबेडकर का नाम ले रहे हैं. जितना लेना है, लो. लेकिन सवाल यह है कि आपके दिल में डॉ. अंबेडकर के लिए असली भाव क्या हैं?”
उन्होंने आगे कहा, “डॉ. अंबेडकर को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों देना पड़ा? उन्होंने स्वयं कहा था कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ होने वाले व्यवहार से वह असंतुष्ट हैं. वह सरकार की विदेश नीति और अनुच्छेद 370 से भी सहमत नहीं थे. लगातार उपेक्षा के चलते उन्होंने कैबिनेट छोड़ दी.”
अमित शाह के इस बयान को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, लेकिन सरकार का रुख साफ रहा. अब यह मुद्दा सियासी बहस का केंद्र बन गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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