राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता में एक बड़ी बैठक हो रही है. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद हैं.
न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्र वर्तमान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) के अध्यक्ष हैं. वह 2 जून, 2021 से इस पद पर कार्यरत हैं. भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक केन्द्रीय मानवाधिकार संस्था है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission-NHRC) एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्टूबर, 1993 को की गई थी.
मानवाधिकार आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और 12 अक्टूबर, 2018 को इसने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे किये. यह संविधान द्वारा दिये गए मानवाधिकारों जैसे – जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार और समानता का अधिकार आदि की रक्षा करता है और उनके प्रहरी के रूप में कार्य करता है.
संयुक्त राष्ट्र (UN) की परिभाषा के अनुसार ये अधिकार जाति, लिंग, राष्ट्रीयता, भाषा, धर्म या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किये बिना सभी को प्राप्त हैं.
मानवाधिकारों में मुख्यतः जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्ति का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और काम एवं शिक्षा का अधिकार, आदि शामिल हैं.
कोई भी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के इन अधिकारों को प्राप्त करने का हक़दार होता है.
मानवाधिकारों (Universal Declaration of Human Rights- UDHR) की घोषणा एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर, 1948 को पेरिस में अपनाया गया था. मानव अधिकारों के इतिहास में यह बहुत महत्त्वपूर्ण घोषणा है, क्योंकि इसके द्वारा ही पहली बार मानव अधिकारों को सुरक्षित करने का प्रयास किया गया था। हर साल 10 दिसंबर को UDHR की सालगिरह के रूप में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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