फोटो-IANS
Manipur Violence: मणिपुर में लगातार हिंसा की खबरें सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि यहां पर हिंसा की अब कोई घटना न हो यह सुनिश्चित किया जाए.
बता दें कि सोमवार को नई दिल्ली में मणिपुर की स्थिति पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो सैनिकों की संख्या बढ़ाई जाएगी और निर्देश दिया कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाए. वह आगे बोले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार मणिपुर के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
अमित शाह ने मौजूदा जातीय संघर्ष को सुलझाने के लिए समन्वित दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय जल्द से जल्द मैतेई और कुकी समूहों से बात करेगा, ताकि जातीय विभाजन को पाटा जा सके. इसी के साथ ही गृह मंत्री ने राहत शिविरों की स्थिति की भी समीक्षा की, खासकर भोजन, पानी, दवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उचित उपलब्धता के संबंध में.
उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को विस्थापित लोगों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा की उचित सुविधाएं सुनिश्चित करने और उनके पुनर्वास का निर्देश दिया. इस मौके पर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मुख्य सचिव विनीत जोशी, मणिपुर सरकार के सलाहकार कुलदीप सिंह, राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह और सेना और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
बता दें कि मणिपुर के हालत को लेकर रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और राज्य की स्थिति पर चर्चा की. मीडिया सूत्रों के मुताबिक उन्होंने राष्ट्रपति को राज्य के राहत शिविरों में शरण लिए हुए विस्थापित लोगों की कठिनाइयों से अवगत कराया और उनके संबंधित गांवों में पुनर्वास के लिए तत्काल कार्रवाई और वित्तीय सहायता का अनुरोध किया.
मणिपुर राजभवन के सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति ने हर तरह से मदद करने का भरोसा दिया है. राज्यपाल ने राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की और मणिपुर के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध किया.
बता दें कि दक्षिणी असम से सटे मणिपुर के मिश्रित आबादी वाले जिरीबाम जिले में 6 जून को 59 वर्षीय किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह की हत्या के बाद से तनाव जारी है. शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए इसके बोरोबेक्रा उपखंड के आंतरिक क्षेत्रों में सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है. गौरतलब है कि पिछले साल तीन मई से मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण विभिन्न समुदायों के 50 हजार से अधिक पुरुष, महिलाएं और बच्चे विस्थापित हो गए हैं और अब वे मणिपुर के स्कूलों, सरकारी भवनों और सभागारों में स्थापित 350 शिविरों में शरण लिए हैं.
-भारत एक्सप्रेस
T20 World Cup 2024, India vs England: भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले दूसरे…
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत-इंग्लैंड मैच में बारिश हो सकती है. इस…
योगा गर्ल अर्चना मकवाना ने कहा कि मैं अभी किसी मीडिया चैनल को कोई इंटरव्यू…
Professor Muchkund Dubey passed away: प्रोफेसर मुचकुंद दुबे एक प्रतिष्ठित राजनयिक और विद्वान थे. उनका…
टी20 विश्व कप में गुरुवार सुबह पहले सेमीफाइनल में एक ओर साउथ अफ्रीका है जो…
आज संसद सत्र के समय पीएम मोदी को सुखद आश्चर्य हुआ, जब हरियाणा के राज्यपाल…