देश

इनके डीएम रहते ही कारसेवकों पर चलाई गईं थी गोलियां… जानें कौन हैं रामशरण श्रीवास्तव

Ayodhya EX DM Ram Sharan Shrivastav: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. पीएम नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे. ऐसे में हर कोई मंदिर निर्माण के लिए हुए संघर्ष को भूलना नहीं चाहता है. इस मौके पर राम मंदिर आंदोलन की यादें फिर ताजा हो गईं. ऐसा ही एक किस्सा है अयोध्या के डीएम रहे रामशरण श्रीवास्तव का. उन्होंने इस घटना को लेकर 3 किताबें लिखी हैं.

रामशरण श्रीवास्तव हमीरपुर जिले के कुरारा क्षेत्र के पारा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी 12वीं तक की शिक्षा हमीरपुर में ही की थी. 2 भाइयों में ये सबसे बड़े थे. ये गांव से पैदल पढ़ने के लिए हमीरपुर आते थे. इनके पिता पटवारी थे. आईएएस बनने के बाद वे हरदोई और कानपुर के डीएम रहे. मुलायम सिंह की सरकार में इनकी तैनाती फैजाबाद के डीएम के तौर पर हुई थी.

यह भी पढ़ेंः PM मोदी करेंगे तमिलनाडु में प्राचीन मंदिरों के दर्शन, श्री रंगनाथस्वामी धाम में सुनेंगे कम्ब रामायण की कथाएं

1987 से 1990 तक फैजाबाद के डीएम रहे रामशरण

रामशरण ने कहा कि 1987 से 1990 तक फैजाबाद केे डीएम रहे. उन्होंने कहा कि 1990 में अयोध्या में कारसेवा शुरू हुई थी. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद वे इसे नहीं रोक पाए. बड़ी संख्या में कारसेवक बैरियर तोड़कर अंदर घुस गए. इसके बाद कारसेवकों को रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की. कई कारसेवक इस गोलीकांड में मारे गए वहीं कई घायल हुए थे. घटना के बाद इस कांड का दोष उन पर मंढने की कोशिश की गई वे सरकार के दबाव में नहीं आए.

जीवन भर रहा घटना का मलाल

सेवा से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने दृष्टिकोण नामक पुस्तक लिखी. इसके पुस्तक के दो और भाग उन्होंने ही बाद में लिखे थे. उनकी किताब HC की लखनऊ खंडपीठ में सबूत के तौर पर पेश की गई थी. विभिन्न पक्षों के वकीलों ने उनसे 17 दिनों तक सवाल-जवाब किए. बता दें कि रामशरण श्रीवास्तव अब इस दुनिया में नहीं है. दृष्टिकोण नामक किताब में इस बात को लेकर खुलासा किया गया है. उन्होंने कहा कि कारसेवकों पर फायरिंग को लेकर कोई आदेश मैंने नहीं दिया.

यह भी पढ़ेंः जेल में बंद कैदी ने बना डाला राम मंदिर का माॅड्यूल, मर्डर के आरोप में काट रहा सजा

घटना के बाद सरकार ने मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश की और कहा कि आप इस घटना की जिम्मेदारी ले. इस पर मैंने यह जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया. मैंने कहा कि मैं इस फायरिंग के लिए पहले दिन से ही मना करता रहा हूं. ऐसे में सरकार ने उनकी कार में आग लगवा दी. घटना के बाद कोई मौके पर नहीं आया। रामशरण को इस बात का जीवन भर मलाल रहा कि उनके डीएम रहते ही कारसेवकों पर गोलियां चलवाई गईं.

Rakesh Choudhary

राकेश चौधरी भारत एक्सप्रेस वेबसाइट में सीनियर कंटेट राइटर के पद कार्यरत हैं। पिछले 6 वर्षों से मीडिया क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मूलरूप से जोधपुर (राजस्थान) के रहने वाले हैं। दिल्ली से पत्रकारिता और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2018 में अमर उजाला डिजिटल (नोएडा) से की। इसके बाद समाचार प्लस, दैनिक जागरण, Inshorts मीडिया, News 24 और डीडी स्पोर्ट्स में भी अपनी सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया में रहने हुए पाॅलिटिकल बीट पर काम किया।

Recent Posts

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

41 minutes ago

जब एक हाथी को भीड़ के सामने दे दी गई थी फांसी, अमेरिका का ये काला इतिहास आपको झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

1 hour ago

Delhi: LG ने की CM Atishi की तारीफ, Kerjiwal से इतने गुना बेहतर भी बता दिया

दिल्ली में Aam Aadmi Party की सरकार शासन और नौकरशाही पर नियंत्रण से जुड़े कई…

1 hour ago

केस दर्ज होने के खिलाफ AMU में छात्रों का प्रदर्शन, छात्र संघ चुनाव कराने की मांग पर अड़े

AMU छात्र नेता सलमान गौरी ने कहा, जिन बच्चों का सस्पेंशन किया है उन्हें बहाल…

3 hours ago

‘व्यापार और भारत पर इसका कोई असर नहीं होगा’, अमेरिका में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों पर बोले अधिवक्ता विजय अग्रवाल

Gautam Adani Indictment In US: दिल्‍ली में नामचीन क्रिमिनल लॉयर एडवोकेट विजय अग्रवाल ने उद्योगपति…

3 hours ago