Ayodhya Ram Mandir: भगवान राम की नगरी अयोध्या में जहां एक ओर भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है तो दूसरी ओर अयोध्या का विकास भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है. जहां एक ओर मंदिर निर्माण के प्रथम चरण को निर्धारित समय सीमा के अंदर ही पूरा कर लिया गया है और अब 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. पीएम मोदी के हाथों से रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. तो इससे पहले 30 दिसंबर यानी आज पीएम मोदी अयोध्यावासियों को करोड़ों की परियोजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं. सबसे पहले वह नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण की पूरी हुई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और इसी के साथ ही अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन व नई विकसित की गई चार सड़कों का भी उद्घाटन करेंगे. इसी के साथ ही अयोध्या से एक अमृत भारत एक्सप्रेस और एक वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी. माना जा रहा है कि, राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी होने वाली है तो वहीं अयोध्या को एयर कनेक्टिविटी के साथ- साथ रेल और सड़क कनेक्टिविटी से जोड़ने की सरकार ने पूरी योजना बना ली है, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.
बता दें कि विकास के पंख लगाकर लगातार उड़ान भर रही अयोध्या की इन तमाम परियोजनाओं के साथ अब अयोध्या को आने वाले भक्तों की भीड़ के लिए तैयार रखने की योजना पर भी काम शुरू किया गया है. इसके लिए अयोध्या में टाउनशिप बसाने की योजना तैयार की गई है. मिली जानकारी के मुताबिक, 1200 एकड़ में इस टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा. इसको लेकर मास्टरप्लान 2031 तैयार किया गया है. इसके तहत अयोध्या का पुनर्विकास 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ 10 वर्षों में पूरा कराया जाएगा. बता दें कि राम मंदिर उद्घाटन के बाद प्रत्येक दिन शहर में 3 लाख भक्तों के आने की उम्मीद जताई जा रही है. इसको देखते हुए उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए भगवान राम की नगरी को तमान आधुनिकता के साथ तैयार किया जा रहा है. इस योजना में 1200 एकड़ में फैली एक अलग नई टाउनशिप की योजना भी शामिल है. इस टाउनशिप को अगले पांच वर्षों में लगभग 2200 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित किया जाएगा.
बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ग्रीनफील्ड टाउनशिप की आधारशिला रखेंगे. अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से 875 वर्ग किलोमीटर की बाउंड्री का निर्धारण किया गया है. मास्टर प्लान के तहत अयोध्या के 133 वर्ग किलोमीटर के मास्टर नियोजित शहर क्षेत्र को भी शामिल किया गया है. इसमें 31.5 किलोमीटर का मुख्य शहर सम्मिलित है. तो वहीं भगवान राम की नगरी में बुनियादी ढांचे और पर्यटन विकास में पहचान को भी समाहित किया जाएगा. बता दें कि आर्किटेक्ट और टाउनशिप प्लानर दीक्षु कुकरेजा की फर्म को अयोध्या का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि, डिजाइन विजन में सभी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं. उन्होंने बताया कि अयोध्या में 21वीं सदी के एक विश्वस्तरीय शहर की तमाम सुविधाओं को शामिल किया जाएगा. दीक्षु कुकरेजा ने बताया कि अयोध्या की स्थायी प्लानिंग में सही संतुलन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि, पर्यटकों या बाहरी लोगों के यहां आने की वजह से अयोध्या में रह रहे लोगों का जीवन बाधित न हो, इस बात को ध्यान में रखकर भी काम किया जा रहा है. अयोध्या को जो बात अधिकांश शहरों से अलग करेगी, वह इसकी प्लानिंग में आम आदमी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ध्यान केंद्रित करना है, न कि केवल शानदार इमारतें बनाने का प्रयास है.
ये उम्मीद जताई जा रही है कि राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा. एक अनुमान के मुताबिक, विकास के बाद शहर में निवासियों एवं पर्यटकों का अनुपात 1:10 होने की संभावना है. मीडिया सूत्रों की मानें तो ग्रीनफील्ड टाउनशिप में सभी प्रकार के आगंतुकों के लिए राज्य अतिथि गृह, होटल और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वाणिज्यिक परिसरों का प्रावधान होगा. तो इसी के साथ ही 108 एकड़ में फैले राम मंदिर क्षेत्र के आसपास निर्बाध एकीकरण और सरयू नदी के तट के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में शहर की विरासत संपत्तियों की सुरक्षा, मुख्य शहर क्षेत्र और मंदिर प्रभाव क्षेत्र की रेट्रोफिटिंग और पुनर्विकास शामिल होगा. इसी के साथ ही प्लानिंग में अयोध्या के विकास में पर्याप्त सुविधाओं के साथ ही तीन सर्कुलर सड़कों (परिक्रमा मार्ग) के विकास को भी शामिल किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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