Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में करोड़ों की लागत से बना अस्पताल फिलहाल खंडहर में बदल गया है. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अस्पताल का निर्माण पांच एकड़ जमीन पर 15 साल पहले हुआ था लेकिन इसके शुरू होने से पहले ही ये पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है और अब इसे ‘लावारिस’ का नाम दिया जा रहा है.
यही नहीं राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण यहां पर डाक्टरों की जगह पर चोरों ने अड्डा जमा लिया है और अराजक तत्व अस्पताल के दरवाजे, खिड़की, चौखट, ग्रिल और बिजली वायरिंग तक उखाड़ ले गए हैं. हालांकि इस अस्पताल का ताजा मामला सामने आने के बाद शासन से लेकर प्रशासन तक में हड़कंप मचा हुआ है.
ये भी पढ़ें-UP News: एक प्राइवेट स्कूल के प्रिसिंपल पर लगा कक्षा 7 के बच्चे को “आतंकवादी” कहने का आरोप, जांच के आदेश
इस अस्पताल के सम्बंध में सोशल मीडिया पर वायरल खबर में दावा किया गया है कि पारू प्रखंड के सरैया पंचायत में 5 करोड़ की लागत से बने इस अस्पताल की बिहार सरकार को कोई जानकारी नहीं है. तो वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि 15 साल पहले सरकारी जमीन पर पांच करोड़ की लागत से बनाए गए इस अस्पताल का भवन वर्तमान समय में खंडहर बन चुका है. स्थानीय लोग कहते हैं कि इसे विधिवत ढंग से सरकार ने चालू नहीं करवाया और स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीरता से इसकी देख-रेख नहीं की गई. यही वजह रही कि दिन पर दिन ये अस्पताल खंडहर में तब्दील होता चला गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल का निर्माण इतना भव्य कराया गया था कि इसमें डॉक्टर के रहने के लिए आवास, नर्स स्टाफ आवास और लैब आदि जरूरत की चीजें बनी हुई हैं, जो अब खंडहर में बदल गई हैं.
सरैया पंचायत के मुखिया आमोद शर्मा ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि इस गांव में इतना बड़ा अस्पताल बनने से सभी ग्रामीण खुश थे लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी आज तक न कोई स्वास्थकर्मी अस्पताल की हालात को देखने आया और न ही जिला प्रशासन ने इसकी सुध ली. मुखिया ने कहा कि इस अस्पताल को चालू कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन स्थानीय सांसद और विधायक इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. यही वजह है कि इतने करोड़ का बना ये अस्पताल लगातार खंडहर होता जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस अस्पताल की खबर सामने आने के बाद मीडिया को बताया है कि इस संबंध में उनको कोई जानकारी नहीं है. इसी के साथ ही ये भी कहा है कि उनको ये नहीं मालूम है कि अस्पताल किस जमीन पर बना है और अस्पताल भवन का निर्माण किसने करवाया है. फिलहाल यह अस्पताल किसके आदेश पर बना और किसने बनवाया इसका जवाब स्वास्थ्य विभाग के पास कोई जवाब नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग अस्पताल के निर्माण के बाद उसे अपने हैंड ओवर में नहीं लिया, क्योंकि राज्य मुख्यालय ने इसके निर्माण और मद का पता नहीं बताया गया.
-भारत एक्सप्रेस
Maharashtra Assembly Elections 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) प्रत्याशी राजेसाहेब देशमुख ने कहा कि…
दिल्ली हाईकोर्ट ने असद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम को राहत देते हुए उसकी निवार्चन…
PM Modi Pays Tribute to Gandhi Ji: प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना की दो दिवसीय यात्रा…
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) एवं दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को निर्देश दिया…
आतंकवाद-वित्तपोषण से संबंधित मुकदमे का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर से लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद…
पीएम मोदी ने गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया, जो उनके वैश्विक…