Chandrayaan found Oxygen On Moon: हमारे चंद्रयान-3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव इलाके में ऑक्सीजन होने की पुष्टि की है. यह काम प्रज्ञान में लगे पेलोड यानी यंत्र लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (LIBS) ने किया. चांद की सतह पर चंद्रयान-3 का यह पहला इन-सीटू एक्सपेरिमेंट था. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने बताया कि अब ‘प्रज्ञान’ चांद पर हाइड्रोजन की खोज कर रहा है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर चांद पर ऑक्सीजन के बाद हाइड्रोजन भी मिलता है, तो चांद पर पानी बनाना आसान हो जाएगा. इससे पहले चंद्रयान-3 ने चांद पर पहुंचने के 5वें दिन (28 अगस्त को) दूसरा ऑब्जर्वेशन भेजा था, जिसके मुताबिक, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की मौजूदगी है. इतना ही नहीं, वहां एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी की भा पता चला है.
ISRO ने बताया है कि चांद की सतह पर मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद हैं, वहीं अब हाइड्रोजन की खोज जारी है्. इससे पहले, चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे (ChaSTE) पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्जर्वेशन भेजा था. ChaSTE की वजह से पता चला कि चांद की सतह और अलग-अलग गहराई पर तापमान में काफी अंतर है.
चंद्रयान-3 की वजह से यह भी पता चला है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में सतह पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस है. वहीं, 80mm की गहराई में माइनस 10°C टेम्परेचर रिकॉर्ड किया गया है. बता दें कि चास्टे (ChaSTE) में 10 टेम्परेचर सेंसर लगे हैं, जो 10cm यानी 100mm की गहराई तक पहुंच सकते हैं. ChaSTE पेलोड को स्पेस फिजिक्स लैबोरेटरी, VSSC ने अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के साथ मिलकर बनाया है.
— भारत एक्सप्रेस
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