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Chandrayaan-3 Good News: चंद्रयान-3 मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया प्रोपल्शन मॉड्यूल परमाणु तकनीक से चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है. ISRO के वैज्ञानिकों का कहना है कि अब वो केवल 6 महीने नहीं बल्कि कई सालों तक काम कर सकता है. यहां विस्‍तार से जानिए...

Chandrayaan 3: ISRO के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 मिशन के तहत लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के जरिए इतिहास रच दिया था. भारत दुनिया का पहला देश बन गया जो कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा. अब इसे लेकर सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. हर साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

Chandrayaan 3 Mission update: भारत द्वारा 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 मिशन पहले ही माइलस्टोन हासिल कर चुका है. इसने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बनाया. अब इसके विक्रम-प्रज्ञान से संपर्क बनाने की तैयारी है.

SLIM एक बहुत छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है. इसकी तुलना में, चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का वजन लगभग 1,750 किलोग्राम था.

Moon Mission: दुनियाभर के लोगों में चांद और अंतरिक्ष के बारे में जानने की दिलचस्पी बढ़ रही है. कुछ कंपनियां तो चांद पर जमीन भी बेचने लगी हैं, अब तक भारत के कई लोग चांद पर जमीन खरीद चुके हैं. यूपी के एक भाजपा नेता ने भी ऐसा दावा किया है...

Chandrayaan-3: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने एक नया वीडियो जारी किया है, जिसमें रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर अठखेलियां करता नजर आ रहा है. यह वीडियो विक्रम लैंडर के कैमरे से बनाया गया है.

हमारे चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव इलाके में ऑक्सीजन होने की पुष्टि की है. यह काम प्रज्ञान में लगे पेलोड यानी यंत्र लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (LIBS) ने किया है.

Chandrayaan-3 Landing: चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को उड़ान भरी थी और 5 अगस्त को अहम पड़ाव के दौरान चंद्रमा की कक्षा में दाखिल हुआ था.

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल रही थी और अब यह चांद की सतह को चूमने के अपने मिशन पर निरतंर आगे बढ़ रहा है.

चांद को छूने का ये इसरो का दूसरा प्रयास है. अगर सॉफ्ट-लैंडिंग सफल रही तो भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.