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G20 Summit पर शशि थरूर का रिएक्शन चर्चा में क्यों?

Shashi Tharoor G20: भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को कराया गया G-20 समिट सफल रहा. समिट में अमेरिका, चीन, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन समेत तमाम ताकतवर और विकसित देशों के राष्ट्राध्यक्ष आए. इस G-20 समिट को अब तक की सबसे कामयाब माना गया, जिस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर भी लट्टू हो गए. उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ की. थरूर ने कहा कि “इसमें कोई शक नहीं कि नई दिल्ली घोषणा पत्र भारत की कूटनीतिक जीत है.” इससे पहले सरकार द्वारा आयोजित किसी कार्यक्रम पर अमूमन कांग्रेस का रूख आक्रामक ही रहता था, लेकिन जी-20 समिट के सफल आयोजन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद शशि थरूर की प्रतिक्रिया ने सरकार को काफी हद तक राहत दी है.

शशि थरूर ने G-20 के सभी सदस्य देशों को घोषणा पत्र के लिए सहमत कर लेने के लिए भी पीएम मोदी और उनकी टीम की सराहना की. थरूर ने ट्विटर (एक्स) पर भारतीय शेरपा अमिताभ कांत को बधाई दी और कहा कि “ऐसा लगता है कि जब आपने आईएएस का विकल्प चुना तो आईएफएस ने एक प्रतिष्ठित राजनयिक खो दिया”. बता दें कि G-20 शेरपा के रूप में भी अमिताभ कांत ने एक राजनयिक जैसी भूमिका निभाई है. क्योंकि शेरपा का पद किसी राजदूत के बराबर होता है. शेरपा की नियुक्ति सदस्य देशों की सरकार करती है. इस वर्ष G-20 की अध्यक्षता करने वाले भारत ने अपना शेरपा अमिताभ कांत को बनाया.

ये लग नहीं रहा था कि साझा घोषणापत्र जारी होगा- थरूर

शशि थरूर का कहना है कि “शेरपा अमिताभ कांत की अगुवाई में G-20 समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रमुख मतभेदों को दूर करते हुए सर्वसम्मति से घोषणापत्र स्वीकार किए जाने के बाद भारत ने एक बड़ी जीत हासिल की है. यह देश के लिए गर्व की बात है.” वहीं, सरकार की तारीफ में थरूर ने कहा, “नई दिल्ली घोषणा पत्र निश्चित रूप से भारत के लिए कूटनीतिक जीत है. ये एक बड़ी कामयाबी है क्योंकि समिट से ठीक पहले तक इस बात को लेकर संशय था कि कोई समझौता नहीं हो सकेगा और ऐसा हो सकता है कि साझा बयान संभव ना हो पाये, और ऐसा हो सकता है कि चेयरमैन की समरी के साथ समापन करना पड़े.”

यह भी पढ़ें: भारत की जी20 अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन: वैश्विक नेतृत्व और प्रभाव में एक मील का पत्थर

आसान नहीं था समिट में घोषणापत्र पर आम सहमति बना पाना

G-20 के भारतीय शेरपा अमिताभ कांत ने इस बात को माना है कि इस समिट में घोषणापत्र पर आम सहमति बना पाना काफी मुश्किल था. उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि आम सहमति बनाने में ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया ने पूरा सहयोग किया. अमिताभ ने कहा था कि नई दिल्ली घोषणापत्र पर सदस्य देशों से 200 घंटे तक चर्चा हुई. रूस और चीन के साथ अलग से लंबी बातचीत हुई, जिसके बाद शुक्रवार रात को G-20 समिट के सफल समापन के लिए अंतिम मसौदे पर सहमति बनी.

— भारत एक्सप्रेस

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