-ब्रजेश गुप्ता
Maharajganj: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले का चर्चित रेप, हत्या कांड में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष राही मासूम रजा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पुलिस ने राही मासूम रजा के खिलाफ आरोप लगाने वाली किशोरी से आज दुबारा 164 का बयान कराया है, जिसमे पीड़िता ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के पूर्व अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष राही मासूम रजा उसके भाई को जान से मारने की धमकी दे रहे थे. इसी वजह से उसने दबाव के चलते बयान बदलना पड़ा. वहीं पीड़िता द्वारा दुबारा बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने फरार पूर्व भाजपा नेता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है वही जिला प्रशासन भाजपा नेता के सम्पत्तियों का जांच और आंकलन करने में जुट गया है. माना जा रहा है कि, पूर्व भाजपा नेता की सम्पत्तियो पर बुलडोजर चल सकता है.
बता दें कि इस मामले में राहू मासूम रजा का नाम सामने आने के बाद ही भाजपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. राही मासूम रजा इस मामले में फरार चल रहे हैं. पुलिस और जिला प्रशासन भी राही मासूम रजा के विरुद्ध कार्यवाही करने में कोई कमी नही छोड़ रही है. जिला प्रसाशन भाजपा नेता के सम्पत्तियों को खंगालने में जुट गया है. इसी के बाद नगर में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि पूर्व भाजपा नेता की संपत्तियों पर जल्द ही बाबा का बुलडोजर चल सकता है. बता दें कि इस मामले में पूर्व भाजपा नेता को बचाने के आरोप में दारोगा सहित 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है तो वहीं इंस्पेक्टर सहित 14 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया जा चुका है. एक सिपाही और एक कारोबारी समेत दो को फरार भाजपा नेता के सहयोग करने के आरोप में जेल भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि जिस सिपाही दर्शल आबिद को जेल भेजा गया है वह राही मासूम रजा के लिए मुखबिरी करता था और विभागीय जानकारी लीक करके राही तक पहुंचाता था. इस आरोप में सिपाही को निलम्बित करके जेल भेज दिया गया है.
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मिली जानकारी के मुताबिक, राही मासूम रजा द्वारा पीड़ित किशोरी के भाई को जान से मारने की धमकी देकर 164 के बयान में दबाव बनाने के बाद दुबारा हुए 164 के बयान को माना जा रहा है कि किसी मामले में जिले में पहली बार पीड़िता का 164 में बयान दर्ज किया गया है. महराजगंज के कानूनी जानकारों की अगर बात मानें तो उनका कहना है कि, जिले में ये पहला ऐसा मामला है कि किसी पीड़िता का दुबारा 164 का बयान हुआ है. बता दें कि पूर्व भाजपा नेता के रसूख को देखते हुए पहले ही मामले को स्थानीय स्तर पर दबाने की कोशिश की गई थी, लेकिन मामला पुलिस के उच्चाधिकारियों तक पहुंचने के बाद पूरा राज खुल गया और उन 19 पुलिसकर्मियो पर भी कड़ी कार्रवाई हुई, जिन्होंने इस मामले में पूर्व भाजपा नेता की मदद करनी चाही.
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