Delhi Election 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) के सबसे मजबूत किले को भेदने में भारतीय जनता पार्टी (BJP) लग गई है. इसके लिए बीजेपी ने प्लान के तहत 6 महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी. भाजपा के विस्तारक पिछले 6 महीने से रात्रि विश्राम झुग्गी बस्तियों में कर रहे हैं. इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने एक पब्लिक रैली करके झुग्गी झोपड़ी वालों के लिए बने फ्लैट्स की चाबियां सौपी.
इसके सप्ताह भर भीतर ही झुग्गी बस्ती प्रधान सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में गृहमंत्री अमित शाह का भाषण हुआ. अमित शाह ने अपनी स्पीच में 7 बार दोहराया कि वह जन कल्याण की चलने वाली सभी योजना दिल्ली में जारी रखेंगे. मतलब साफ है कि केजरीवाल सरकार की मुफ्त की रेवड़ियां भाजपा भी बांटेंगी. इसी के साथ उन्होंने केंद्र सरकार की सभी योजनाओं को विस्तार से बताते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार ही दिल्ली में सभी समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं.
कहते हैं दिल्ली की सत्ता का रास्ता झुग्गी-झोपड़ी और अवैध कॉलोनीयों के वोटो से निकलता है. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 1 करोड़ 55 लाख से ज्यादा वोटर इस बार लिस्ट में हैं. इनमें से 70 लाख वोटरों का वास्ता झुग्गी बस्ती या फिर बेतरतीब बसी सोसाइटी की कॉलोनी से रहता है.
यहां समस्याएं पहाड़ जैसी खड़ी हैं. 1993 से कई सरकारे आईं और चली गईं, लेकिन इन इलाकों में मूलभूत जरूरतें भी लोगों को नहीं मिल पा रही हैं. मसलन इन इलाकों में रोड, पानी निकासी के लिए नालियां, सीवर और पेयजल की समस्या से लोग जूझ रहे है. ऐसे में शीला दीक्षित के समय केजरीवाल ने इन वोटों को अपना बनाया और अब बीजेपी इन वोटों पर निगाह गड़ाए हैं. किसी भी सूरत में वहां पर एंटी इनकंबेंसी का फायदा उठाना चाह रही है.
दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों की संख्या के बारे में विभिन्न स्रोतों से अलग-अलग आंकड़े मिलते हैं. दिल्ली नगर निगम के अनुसार, शहर में लगभग 860 झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर हैं, जिनमें लगभग 20,000 झुग्गियां हैं और प्रत्येक झुग्गी में औसतन पांच लोग रहते हैं.
हालांकि अन्य रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली में लगभग 750 बड़ी और छोटी झुग्गी बस्तियां हैं, जिनमें लगभग 3,50,000 परिवार रहते हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 20 लाख लोगों की आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसी के अलावा अवैध वासी कॉलोनियों के बारे में सही आंकड़े उपलब्ध नहीं है. फिर भी अवैध कालोनियां और झुग्गी झोपड़ी की बस्तियों को मिलाकर वोटों का आकलन 70 लाख को पार करता है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नारा दिया है कि जहां झुग्गी वहां घर के तहत दिल्ली का कायाकल्प किया जाएगा. भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मेहनत इसी इलाकों में कर रही है. आम पदाधिकारी से लेकर शीर्ष नेता पिछले कई महीनों से इन बस्तियों में डेरा डाले हुए हैं. ऐसी जानकारी मिली है कि भाजपा अपना घोषणा पत्र जब जारी करेगी तो झोपड़पट्टी सहित अवैध कॉलोनियों के लिए बड़ी सौगात की घोषित करेगी.
शनिवार (11 जनवरी) को झोपड़ बस्ती सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से बीजेपी ने यहां के लोगों का विश्वास जीतने का काम किया है. सम्मेलन में शाह के सम्मोहन का असर साफ दिखाई दिया. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि भाजपा के आने के बाद ही असल में उनकी बस्तियों में विकास हो पाएगा. लोगों ने कहा कि जब डबल इंजन की सरकार होगी तभी उनके कष्ट दूर होंगे. झोपड़ बस्ती में रहने वाले केजरीवाल सरकार से काफी निराश दिखे. उन्होंने कहा कि 10 साल में उनकी समस्याएं चार गुना बढ़ चुकी है. हालांकि यह आये लोग बीजेपी द्वारा सम्मेलन में लाए गए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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