प्रशासनिक पक्ष को अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने यह देखते हुए याचिका खारिज कर दी कि हाई कोर्ट पहले से ही मापे गए कदमों के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और तकनीकी चुनौतियों और संसाधन आवंटन की परवाह किए बिना कठोर समयसीमा लागू करना विवेकपूर्ण नहीं होगा. कोर्ट ने जोर देकर कहा कि उच्च न्यायालय की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग में पहले से ही पर्याप्त प्रगति हुई है और लाइव-स्ट्रीमिंग क्षमताओं को परिष्कृत और विस्तारित करने के प्रयास चल रहे हैं.
अदालत ने कहा लाइव स्ट्रीमिंग की प्रशासनिक नीतियों के तकनीकी क्रियान्वयन से संबंधित मामलों को उच्च न्यायालय की नामित न्यायिक और तकनीकी समितियों द्वारा सबसे बेहतर तरीके से संभाला जाता है, जो उभरती जरूरतों और तकनीकी प्रगति के अनुसार इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए सुसज्जित हैं.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग केस-टू-केस आधार पर होती है. हालांकि, वर्तमान में यह सुविधा मुख्य न्यायाधीश न्यायालय और न्यायालय संख्या 39 तक ही सीमित है.
राकेश कुमार गुप्ता नामक व्यक्ति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दिल्ली उच्च न्यायालय को लाइव-स्ट्रीमिंग के चरणबद्ध कार्यान्वयन और प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश देने की मांग की थी. उन्होंने ई-निरीक्षण जैसी अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग की प्रतियां उपलब्ध कराने के निर्देश भी मांगे.
-भारत एक्सप्रेस
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