देश

सामूहिक दुष्कर्म मामला: अदालत ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, नेटफ्लिक्स और फिल्म निर्माता को भी जारी किया नोटिस

फिल्म निर्माता निशा पाहुजा और नेटफ्लिक्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. फिल्म में कथित तौर पर कानून का उल्लंघन करते हुए नाबालिग सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर की गई है. झारखंड के एक गांव में स्थापित ‘टू किल ए टाइगर’ एक ऐसे व्यक्ति की यात्रा पर आधारित है जो अपनी 13 वर्षीय बेटी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहा है, जिसका तीन लोगों ने यौन उत्पीड़न किया था. इस साल 96वें अकादमी पुरस्कार में फिल्म को ‘सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फीचर’ श्रेणी में नामित किया गया था.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने ‘तुलिर चैरिटेबल ट्रस्ट’ की याचिका पर केंद्र के साथ-साथ कनाडा के टोरंटो में रहने वाली एमी-नामांकित फिल्म निर्माता पाहुजा और फिल्म को स्ट्रीम करने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया और उनसे अपना जवाब दाखिल करने को कहा. अदालत ने इस समय फिल्म के वर्तमान स्वरूप पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, यह देखते हुए कि यह मार्च से ही यहां जनता के लिए उपलब्ध है.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि फिल्म में दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर की गई है, जो घटना के समय 13 वर्ष की थी, क्योंकि उसका चेहरा नकाबपोश नहीं था और यहां तक कि उसे स्कूल की वर्दी में भी दिखाया गया है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा फिल्म की शूटिंग 3.5 साल तक चली. उसने (पहुजा) नाबालिग की पहचान छिपाने का कोई प्रयास नहीं किया.

फिल्म निर्माण में करीब 1,000 घंटे लगे हैं. बेचारी लड़की से (अपनी आपबीती) दोहराने के लिए कहा गया. सभी हिस्से नेटफ्लिक्स के ज्ञान में हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दुष्कर्म पीड़िता वयस्क होने के बाद अपनी पहचान प्रकाशित करने की सहमति से इनकार नहीं कर सकती थी, क्योंकि यह एक तरह का स्टॉकहोम सिंड्रोम है.

निजी प्रतिवादियों में से एक के वकील ने कहा कि फिल्म नाबालिग लड़की के माता-पिता की अनुमति से शूट की गई थी और उसके वयस्क होने और उसकी सहमति के बाद रिलीज की गई थी. वकील ने तर्क दिया एक बार जब बच्ची वयस्क हो जाती है, तो वह अगर चाहे तो अपने साथ हुई घटना के बारे में बात कर सकती है. उन्होंने बताया कि डॉक्यूमेंट्री सबसे पहले 2022 में कनाडा में रिलीज की गई थी. इसे इस साल मार्च में भारत में रिलीज किया गया था. मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी.

ये भी पढ़ें- दिल्ली हाईकोर्ट ने नेटफ्लिक्स सीरीज ‘त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर’ के प्रसारण पर अंतरिम रोक लगाने से किया इनकार

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

इस गांव के हर शख्स के पास है प्राइवेट जेट, ऑफिस जाना हो या बाजार, प्लेन से करते हैं सफर, जानें वजह

यहां की सड़कें और इन्फ्रास्ट्रक्चर खास तौर पर विमानों के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए…

4 hours ago

दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला: सशस्त्र बलों में गर्भवती महिला अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल जांच कराने की नीति अनुचित

कोर्ट ने कहा कि गर्भवती महिला उम्मीदवार के लिए हमेशा यह संभव नहीं हो सकता…

4 hours ago

Jammu and Kashmir Assembly Election: कांग्रेस के घोषणापत्र में महिलाओं को हर महीने 3,000 रुपये, युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का वादा

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने सोमवार को अपना घोषणापत्र जारी किया. इस घोषणापत्र…

5 hours ago