देश

जनता के लिए खतरा या अन्य स्थितियों के बिना बुलेटप्रूफिंग के लिए वाहन का पंजीकरण निलंबित नहीं किया जा सकता: उच्च न्यायालय

हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही मोटर वाहन अधिनियम वाहनों को बुलेट प्रूफ करने की अनुमति नहीं देता है, लेकिन किसी के ऐसा करने पर वाहन का पंजीकरण निरस्त करने से पहले परिवहन विभाग को बताना होगा कि ऐसे वाहन का उपयोग किए जाने पर आम लोगों को खतरा कैसे है.
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 52 का उल्लेख करते हुए कहा कि यह धारा स्पष्ट रूप से वाहनों को बुलेट-प्रूफ करने की अनुमति नहीं देती है, फिर भी किसी वाहन का पंजीकरण बुलेट-प्रूफिंग की वजह से निलंबित नहीं किया जा सकता है, जब तक कि यह स्पष्ट रूप से न पाया जाए कि धारा 53 के तहत इस तरह के उपयोग से जनता को खतरा है.

मुद्दे पर विचार करे और तर्कपूर्ण आदेश पारित करे

न्यायमूर्ति ने कहा कि निलंबन के आदेश का अवलोकन यह पता नहीं चलता कि धारा 53 (1) (पंजीकरण के निलंबन) में उल्लिखित शर्ते वर्तमान मामले में कैसे पूरी होती है.उस आदेश में यह नहीं कहा गया है कि मोटर वाहन के ढांचे के भीतर किसी भी वाहन की बुलेट प्रूफिंग की अनुमति नहीं है. इस दशा में वाहन के पंजीकरण निरस्त करने के आदेश को रद्द किया जाता है और इसपर नए सिरे से विचार करने के लिए विभाग को भेजा जाता है.वह मुद्दे पर विचार करे और तर्कपूर्ण आदेश पारित करे.

न्यायमूर्ति ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 52 में किसी भी वाहन के बुलेट-प्रूफिंग के बारे में परिवर्तन/संशोधन की अनुमति देने वाला कोई प्रावधान नहीं है. इसका अर्थ यह नहीं है कि वाहन की बुलेट-प्रूफिंग से ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जिससे सार्वजनिक स्थान पर वाहन का उपयोग जनता के लिए खतरा बन जाता है. इसके अलावा बुलेट प्रूफिंग को लेकर किसी भी शर्त/प्रावधान के नहीं रहने से यह अपने आप वाहन के पंजीकरण को निलंबित करने का आधार नहीं हो सकती है, जब तक कि अधिनियम की धारा 53 (1) में निर्धारित पंजीकरण के निलंबन को लेकर निधार्रित मापदंडों को लेकर कोई निष्कर्ष न दिया जाए.

क्या ​था मामला

कोर्ट ने उक्त टिप्पणी एक कार के आंशिक रूप से बुलेट प्रूफिंग करने को लेकर उसका पंजीकरण निलंबित करने के खिलाफ दाखिल अपील पर विचार करते की.परिवहन विभाग ने कार का पंजीकरण यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि कारों को बुलेट प्रूफ करने के लिए कोई नियम नहीं है.याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि विवादित आदेश किसी भी तरह से बिना किसी कारण के था, क्योंकि याचिकाकर्ता के उसके वाहन को बुलेट प्रूफ करने के औचित्य को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण पर विचार नहीं किया गया.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

“यह वक्त हमारे लिए एक बड़ी चुनौती का है”, फारूक अब्दुल्ला बोले- राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे

एनसी प्रमुख ने कहा, “हमारा उद्देश्य यही है कि यहां के लोगों को सही तरीके…

14 minutes ago

Virat Kohli अगर शांत रहें और अपनी गति से खेलें, तो वे ठीक रहेंगे: शास्त्री

कोहली बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के पांच घरेलू टेस्ट मैचों में सिर्फ एक…

9 hours ago

आयोग के फैसले से छात्रों में खुशी की लहर, कहा-‘हम जानते थे कि सीएम योगी हमारे पक्ष में खड़े होंगे’

यूपीपीएससी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रतियोगी छात्रों की मांगों को ध्यान में…

9 hours ago

लश्कर-ए-तैयबा के लिए कथित तौर पर धन जुटाने के मामले में आरोपी जावेद अली को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत

अली को नवंबर 2019 में लश्कर के एक ऑपरेटिव शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान…

10 hours ago

उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में देवांगना कलीता की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किया

फरवरी 2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के साथ ही नागरिकता…

10 hours ago

सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद परिजनों की पिटाई मामले में चार पुलिसकर्मी निलंबित, थाना प्रभारी लाइन हाजिर

मध्य प्रदेश में शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि कोतवाली के…

11 hours ago