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Dilhi High Court : हाईकोर्ट ने विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से 20 जून को जारी एक व्यापार नोटिस को रद्द कर दिया है। उस नोटिस में केवल उन निर्यातकों को टूटे हुए चावल के निर्यात का कोटा आवंटित करने की अनुमति देने की बात कही गई थी, जिन्होंने लगातार तीन वित्तीय वर्षो में सेनेगल, गांबिया व इंडोनेशिया में चावल का निर्यात किया था।
हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति विभू बाखरू एवं न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार उन चावल निर्यातकों के लिए निर्यात कोटा सीमित करने के लिए कोई भी तर्कसंगत आधार देने में विफल रही है, जिन्होंने प्रतिबंध से पहले तीन वित्तीय वर्षो के दौरान निर्यात किया था और इसका उद्देश्य क्षमता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना था। इस दशा में विवादित व्यापार नोटिस को रद्द किया जाता है।
पीठ ने कहा- ‘सरकार चाहे तो फिर से टूटे चावल के निर्यात के लिए कोटा आवंटन के मानदंडों का पुनर्मूल्यांकन कर सकती है।’ पीठ ने यह आदेश चावल निर्यात करने वाले कई व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। वे इस प्रतिबंध से प्रभावित थे और कहा था कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन है। अब व्यापारियों को राहत मिल गई है।
— भारत एक्सप्रेस
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