भारत निर्वाचन आयोग
EVM Controversy: मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर चल रहे विवाद पर निर्वाचन अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सिलसिलेवार तरीके से सभी सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे की गुट वाली शिवसेना उम्मीदवार रविंद्र वायकर ने 48 वोट से जीत दर्ज की. इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकार ने सवाल खड़े किए. इस मामले में मुंबई के वनराई पुलिस स्टेशन में शिवसेना उम्मीदवार रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. उस पर आरोप है कि उसने मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था.
सूर्यवंशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “ईवीएम एक स्वतंत्र प्रणाली है और इसे ‘अनलॉक’ करने के लिए किसी ओटीपी की कोई जरूरत नहीं होती है. इसे प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है तथा इसमें कोई वायरलेस संचार क्षमता नहीं होती. यह एक समाचार पत्र द्वारा फैलाया जा रहा झूठ है. हमने मिड-डे अखबार को भारतीय दंड संहिता की धारा 499, 505 के तहत मानहानि और झूठी खबर फैलाने के लिए एक नोटिस जारी किया है.’’
वनराई पुलिस के अनुसार, वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर पर 4 जून को आम चुनाव के परिणाम घोषित होने के दिन गोरेगांव स्थित एक मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (आधिकारिक आदेश की अवहेलना) के तहत एक मामला दर्ज किया गया. सूर्यवंशी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जोगेश्वरी विधानसभा क्षेत्र के डेटा एंट्री ऑपरेटर दिनेश गुरव का निजी मोबाइल फोन एक अनधिकृत व्यक्ति के पास पाया गया और इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है.
सूर्यवंशी ने कहा, “डेटा प्रविष्टि और मतगणना दो अलग-अलग पहलू हैं. एक ओटीपी एआरओ को डेटा प्रविष्टि के लिए इनकोर लॉगिन सिस्टम खोलने में सक्षम बनाता है. मतगणना प्रक्रिया स्वतंत्र है और इसका मोबाइल फोन के अनधिकृत उपयोग से कोई लेना-देना नहीं है, जो एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसकी जांच की जा रही है.” उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी तरह की छेड़छाड़ की संभावना को खत्म करने के लिए उन्नत तकनीकी विशेषताएं और मजबूत प्रशासनिक सुरक्षा उपाय किए गए हैं. सुरक्षा उपायों में उम्मीदवारों या उनके एजेंट की मौजूदगी में सब कुछ करना शामिल है.”
अधिकारी ने कहा कि न तो वायकर और न ही शिवसेना (यूबीटी) के हारे हुए उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर ने पुनर्मतगणना की मांग की थी, लेकिन अवैध डाक मतपत्रों के सत्यापन की मांग की गई थी और ऐसा किया गया. सूर्यवंशी ने कहा कि इस मामले से संबंधित सीसीटीवी फुटेज तब तक नहीं दी जा सकती, जब तक कि सक्षम अदालत से आदेश न मिल जाए.
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-भारत एक्सप्रेस
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