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शराब घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर! Arvind Kejriwal पर गृह मंत्रालय ने मुकदमा चलाने की ED को दी मंजूरी

Delhi Excise Policy Scam Case: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए ईडी को मंजूरी दे दी है.

एलजी पहले ही दे चुके थे मंजूरी

इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी थी. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय को सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने से पहले अनुमति लेनी होगी.

कोर्ट ने लगाई थी रोक

पूर्व सीएम केजरीवाल द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने पर रोक लगा दिया था. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारी से जरूरी मंजूरी के बिना ही निचली अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है.

पिछले साल ईडी ने किया था गिरफ्तार

ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था और मई में उनके पार्टी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी का कहना है कि केजरीवाल और सिसोदिया ने साउथ लॉबी की मदद के लिए आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव किए, जिसमें कथित तौर पर 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

बता दें कि एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि पीएमएलए के वो केस जो किसी सरकारी पद पर आसीन लोगों के खिलाफ दर्ज है, उसमें ट्रायल के लिए एलजी की अनुमति जरूरी होगी, जिसको लेकर ईडी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट में चार्जशीट को रद्द करने की मांग को लेकर अपील दायर की है. जिसपर हाई कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हुआ है. 11 फरवरी को हाई कोर्ट इस मामले में सुनवाई करने वाला है.

यह भी पढ़ें- अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तानी आतंकी कर सकते हैं हमला, खुफिया एजेंसियों ने Delhi Police को किया अलर्ट

याचिका में केजरीवाल ने कहा है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के सक्षम ऑथोरिटी से आवश्यक मंजूरी ईडी की ओर से नही ली गई है. लिहाजा ट्रायल कोर्ट का चार्जशीट पर संज्ञान लेने का आदेश गलत है. केजरीवाल ने कहा है कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने अपने आदेश में पीएमएलए की धारा 3 के तहत अपराध का संज्ञान लेने में गलती की है.

केजरीवाल का यह भी कहना है कि अभियोजन के लिए सीआरपीसी की धारा 197(1) के तहत पूर्व मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है. लेकिन उनके मामले में ईडी ने ऐसा नही किया है. जबकि केजरीवाल कथित अपराध के समय एक लोक सेवक (मुख्यमंत्री) थे. 12 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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