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Supreme Court ने CNLU की याचिका पर दिल्ली समेत अन्य हाईकोर्ट से नोटिस जारी कर मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से दायर ट्रांसफर याचिकाओं पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट सहित अन्य हाईकोर्ट को नोटिस जारी किया, जहां याचिका लंबित है. कोर्ट फरवरी के पहले हफ्ते में याचिका पर अगली सुनवाई करेगा.

लंबित रिट याचिकाओं को एक ही हाईकोर्ट में निपटाया जाए

सीजेआई (CJI) ने कहा कि अलग-अलग हाईकोर्ट में लंबित रिट याचिका को एक ही हाईकोर्ट में निपटाया जाना चाहिए. क्योंकि इससे जल्द सुनवाई होगी. कोर्ट ने संकेत दिया कि मामले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया जा सकता है. CJI संजीव खन्ना (Sanjeev Khanna) और जस्टिस कुमार की पीठ ने कहा कि जब सवाल और जवाब स्पष्ट रूप से गलत हो तो अदालते हस्तक्षेप करेगी.

कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि आप किस हाईकोर्ट का सुझाव देंगे, तो एसजी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का सुझाव दिया. जिसपर सीजेआई ने कहा कि नहीं, क्योंकि पहली याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर हुई थी.

सीजेआई ने कहा कि हमने पहले भी अनुच्छेद 32 के तहत याचिका खारिज कर दी है, हम इसे हाईकोर्ट को भेजेंगे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कई याचिकाएं है, कुछ में सवाल अलग-अलग है, मेल नहीं खाते. याचिका में सामान्य विधि प्रवेश परीक्षा 2025 के परिणामों के खिलाफ दायर याचिकाओं को विभिन्न हाईकोट्स से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की गई है.

पहले रिजल्ट को संशोधित करने का निर्देश दिया

याचिका अधिवक्ता प्रीता श्रीकुमार अय्यर के माध्यम से दायर की गई है. एक अभ्यर्थी की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि विभिन्न हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लंबित है और स्थानांतरित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर की जाएगी. इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई को 30 जनवरी तक के लिए टाल दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने 20 दिसंबर 2024 को आंसर-की में गलतियों को लेकर कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज को CLAT 2025 के रिजल्ट को संशोधित करने का निर्देश दिया था.

सिंगल बेंच ने ये फैसला एक अभ्यर्थी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया था और माना था कि प्रवेश परीक्षा में दो प्रश्नों के उत्तर गलत थे. अदालत ने कहा था कि त्रुटियां स्पष्ट थी और उनपर आंखे मूंद लेना अन्याय होगा. याचिका में कंसोर्टियम द्वारा 7 दिसंबर 2024 को प्रकाशित उत्तर कुंजी को चुनौती दी गई थी, तथा कुछ प्रश्नों के सही उत्तर घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

24 दिसंबर 2024 को एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने कहा था प्रथम दृष्टया दोनों प्रश्नों पर एकल पीठ के आदेश में कोई त्रुटि नहीं नजर आ रही है. कोर्ट ने सीएनएलयू न्यायधीश के निर्णय के अनुसार परिणाम घोषित करने को कहा था.


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-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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