केरल में COVID-19 के नए वैरिएंट JN.1 का एक मामला सामने आया है, जिसका पता भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के प्रयासों से लगाया गया है. ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने चल रही नियमित निगरानी गतिविधियों पर जोर देते हुए शनिवार को इस निष्कर्ष का खुलासा किया. यह मामला 8 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम से एकत्र किए गए आरटी-पीसीआर पॉजिटिव सैंपल के माध्यम से सामने आया. एक महिला ने इन्फ्लूएंजा के हल्के लक्षणों का अनुभव किया था. इतना ही नहीं कोरोना के नए वैरिएंट से अबतक 2 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार ने ऐहतियात के तौर पर सार्वजनिक स्थानों पर मास्क जरूरी कर दिया है.
दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. उज्ज्वल प्रकाश ने बताया कि जेएन.1, विश्व स्तर पर देखे गए अन्य वेरिएंट और उप-वेरिएंट के समान, एक हल्का वेरिएंट है. बताए गए लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और कुछ मामलों में हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण शामिल हैं. इसके अलावा, डॉक्टर ने इस बात पर भी जोर दिया कि अधिकांश रोगियों को इन हल्के ऊपरी श्वसन लक्षणों का अनुभव होता है, जो आमतौर पर चार से पांच दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में उत्तरी केरल में कोविड से दो लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने नई चेतावनी जारी की है. सरकारी और निजी अस्पतालों में निगरानी के आदेश दिये गये हैं. गौरतलब है कि 2020 में कोविड की चिंता इस दक्षिणी राज्य से होते हुए पूरे भारत में फैल गई थी.
केरल के कोझिकोड जिले के कलियाट्टुपरंबथ कुमारन (77) और कन्नूर जिले के पलक्कंडी अब्दुल्ला (82) की कोविड से मृत्यु हो गई. अब्दुल्ला का शुक्रवार को निधन हो गया. पता चला है कि वह खांसी और सांस लेने में तकलीफ से पीड़ित थे. निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. केरल में पिछले कुछ दिनों से कोविड संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. नवंबर में केरल में 470 लोग कोविड से संक्रमित हुए. दिसंबर के पहले 10 दिनों में राज्य में 825 लोग कोविड से संक्रमित हुए थे.
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केरल स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देशों में सुझाव दिया गया है कि जिन लोगों को सर्दी, खांसी, सांस लेने में समस्या, निम्न रक्तचाप, खाने की समस्या है, उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. कोविड का संदेह होने पर ही रक्त परीक्षण कराना चाहिए. ताकि इलाज जल्दी शुरू किया जा सके. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये लक्षण कोविड के बजाय प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रहे हैं. राहत की बात यह भी है कि कोविड से होने वाली मौतों की संख्या नगण्य है. हालांकि, केरल में JN.1 वैरिएंट का अस्तित्व विशेषज्ञों और प्रशासन द्वारा चिंता का विषय माना जाता है.
नए वैरिएंट के बारे में भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के चीफ डॉक्टर एनके अरोड़ा ने कहा है कि जेएन.1 के कुछ ही मामले हैं। यह बीए.2.86 का सब-वैरिएंट है. इस पर भारत सरकार की नजर है. किसी भी अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी की सूचना नहीं मिली है.
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