भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में प्रवेश पाना ही अपने आप में एक बड़ी कामयाबी मानी जाती है. लोगों में ऐसी धारणा होती थी कि IIT में एडमिशन होने से नौकरी पक्की हो जाती है लेकिन अब ऐसा लगता है की केवल IIT में प्रवेश पाना ही पर्याप्त नहीं है. वो दिन चले गए जब आप कह सकते थे कि 23 IIT में से किसी में प्रवेश लेने पर आपको किसी बड़ी कंपनी में प्लेसमेंट और इंजीनियरिंग की डिग्री के अंत तक एक अच्छा वेतन पैकेज मिलने की गारंटी होगी. यह विशेष रूप से लगभग 8,000 IIT छात्रों के लिए सच है, जिन्हें अभी भी IIT 2023-34 प्लेसमेंट ड्राइव में नौकरी मिलनी बाकी है, ये संख्या कैंपस प्लेसमेंट में भाग लेने के लिए पंजीकृत छात्रों का 38% है.
IIT बॉम्बे ने मंगलवार को घोषणा की कि उसके लगभग 75 प्रतिशत छात्रों को 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए कैंपस प्लेसमेंट सीजन के दौरान नौकरी मिल गई है. हाल ही में जारी प्लेसमेंट रिपोर्ट के अनुसार, प्लेसमेंट ड्राइव के लिए 2,414 छात्रों ने पंजीकरण कराया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11 प्रतिशत की अधिक है. इस वर्ष, संस्थान ने इतिहास में अपना दूसरा सबसे बड़ा प्लेसमेंट आंकड़ा हासिल किया, जिसमें 1,475 छात्रों ने स्थान प्राप्त किया, जो 2022-23 में स्थापित 1,516 प्लेसमेंट के रिकॉर्ड से थोड़ा नीचे है.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) अक्सर प्रभावशाली प्लेसमेंट आँकड़ों का दावा करते हैं लेकिन हाल ही में किए गए विश्लेषण से अधिक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है. बड़े पैमाने पर प्रचारित सफलता की कहानियों के विपरीत, इन प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों की एक बड़ी संख्या ने 2024 के कैंपस प्लेसमेंट सीजन के बाद खुद को बेरोजगार पाया.
IIT कानपुर के पूर्व छात्र और प्लेसमेंट मेंटर धीरज सिंह के अनुसार, जिन्होंने लिंक्डइन पर तीन साल का डेटा साझा किया है, 2023 की तुलना में इस साल बिना नौकरी के छात्रों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. सिंह ने 23 सूचना के अधिकार (RTI) प्रतिक्रियाओं, वार्षिक रिपोर्टों और मीडिया कवरेज से डेटा इकठ्ठा किया जिससे पता चलता है कि 2024 में IIT में कैंपस प्लेसमेंट के लिए पंजीकृत 21,500 छात्रों में से केवल 13,410 को ही नौकरी मिली, जबकि 8,090 छात्र अभी भी रोजगार की तलाश में हैं. यह 2023 की तुलना में बिना नौकरी के छात्रों की संख्या में तेज वृद्धि को दर्शाता है. वर्ष 2023 में लगभग 20,000 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराया था. इनमें से 15,830 छात्रों को सफलतापूर्वक नौकरी मिल गई, जिनका औसत वार्षिक पैकेज 17.1 लाख रुपये प्रति वर्ष था, जबकि 4,170 छात्रों को कैम्पस प्लेसमेंट के माध्यम से नौकरी नहीं मिल पाई थी. इसी तरह, 2022 में, IIT में कैंपस प्लेसमेंट के दौरान 17,900 पंजीकृत छात्रों में से 3,000 से अधिक छात्रों को नौकरी नहीं मिली. सिंह ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में उल्लेख किया कि 2022 में औसत वार्षिक पैकेज 17.2 लाख रुपये प्रति वर्ष था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि चार में से तीन छात्रों ने मौजूदा आर्थिक चुनौतियों के बावजूद अपनी मनचाही नौकरी पाने में सफलता पाई, जिसके परिणामस्वरूप 75 प्रतिशत प्लेसमेंट दर रही. कॉस्ट टू कंपनी (CTC) के आधार पर गणना किए गए औसत वेतन पैकेज में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पिछले साल INR 21.82 LPA से बढ़कर INR 23.5 LPA हो गई, जो COVID-19 के बाद आर्थिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने के साथ ही जॉब मार्केट में मजबूत रिकवरी का संकेत है.
इस साल भर्ती करने वाली कंपनियों की संख्या में भी वृद्धि हुई, इस साल 364 कंपनियों ने प्लेसमेंट ड्राइव में भाग लिया, जो पिछले साल भाग लेने वाली 324 कंपनियों से 12 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए प्लेसमेंट में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, पिछले शैक्षणिक वर्ष में 171 की तुलना में इस साल 217 छात्रों को प्लेसमेंट मिला. हालांकि, कंप्यूटर साइंस के छात्रों की संख्या में गिरावट आई, पिछले साल 273 की तुलना में इस साल 242 प्लेसमेंट हुएं.
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जिन छात्रों को प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान नौकरी नहीं मिल पाई थी उन्हें रोजगार के वैकल्पिक अवसर मिल गए हैं. कुछ छात्रों ने उपलब्ध नौकरी के प्रस्तावों के बजाय उच्च शिक्षा, स्वरोजगार या एंटरप्रेन्योरशिप को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना. इसके अतिरिक्त, लगभग सभी भाग लेने वाली कंपनियों ने उनके नौकरी के प्रस्तावों का सम्मान किया. उल्लेखनीय रूप से, पंजीकृत 118 में से 32 पीएचडी छात्रों ने नौकरी के प्रस्ताव स्वीकार किए.
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-भारत एक्सप्रेस
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