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वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में अनुमानित श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 58.2 प्रतिशत हो गया है. WPR में यह वृद्धि कोरोना महामारी सहित अवधि में दर्ज हुई है.

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्रम और रोजगार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत राष्ट्रीय करिअर सेवा (एनसीएस) परियोजना के हिस्से के रूप में जॉब फेयर आयोजित किए जाते हैं.

भारत में बेरोजगारी बढ़ने के विपक्ष के दावों के बीच केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए नए आंकड़े आपको चौंका सकते हैं. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार, 2016-17 और 2022-23 के बीच देश में रोजगार के अवसर 36% बढ़ गए.

Periodic labour Force Survey (PLFS) ने जुलाई 2023 से लेकर जून 2024 का आंकड़ा जारी किया है.

हाल ही में, IMF से बेलआउट पैकेज की किस्त पाने के लिए पाकिस्तान ने कई सख्त शर्तें मानी हैं और इसके तहत शहबाज शरीफ सरकार ने एक झटके में 1.5 लाख लोगों को नौकरियों से निकाल दिया.

हाल ही में सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के छात्रों को नौकरी मिलने में परेशानी हो रही है. लगभग 8,000 छात्रों को अभी भी नौकरी की तलाश है, जो कैंपस प्लेसमेंट में भाग लेने के लिए पंजीकृत छात्रों का 38% है.

सरकार की ओर से वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो की रिपोर्ट को आधार बनाकर कहा गया कि बीते कुछ वर्षों में कामकाजी युवाओं की संख्या बढ़ी है.

बिहार सरकार आचार संहिता हटने के बाद विभिन्न विभागों के रिक्त पदों को भरने की कवायद में जुट गई है. इसी दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का यह बयान आया है.

अनौपचारिक रोज़गार के मामले में भारत दक्षिण एशियाई देशों में सबसे ऊपर है. इसका मतलब है, कि हमारे देश में करोड़ों मज़दूर कम मज़दूरी पर, बेहद मुश्किल हालातों में काम करने पर मजबूर हैं, जहां इन्हें अपने बुनियादी हक़ भी प्राप्त नहीं हैं. इन्हें नौकरी देने वाले जब चाहे रखें, जब चाहें निकाल दें.

राहुल गांधी ने देश में बेरोजगारी दूर करने का दावा करते हुए कहा कि हम हिंदुस्तान के सारे बेरोज़गार युवाओं को उनका अधिकार देने जा रहे हैं. अपनी योजना से एक साल में 1 लाख रुपये उनके खाते में देंगे.