यात्री विमानों में बम की धमकियों के सिलसिले के बीच भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं. सरकार ने एक नया स्पैम-ट्रैकिंग सिस्टम भी तैयार किया है, जो भारतीय फोन नंबरों के रूप में आने वाली इनकमिंग इंटरनेशनल कॉल्स की पहचान कर उन्हें ब्लॉक कर सकता है.
इस सिस्टम को ‘इंटरनेशनल इनकमिंग स्पूफ्ड कॉल्स प्रिवेंशन सिस्टम’ नाम दिया गया है. केंद्रीय दूरसंचार एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा- ‘अब लोग फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल से निजात पा सकेंगे.’
साइबर अपराधी ठगी के इस तरीके में इंटरनेशनल कॉल को भारत के स्थानीय नंबर (+91-xxxxxxxxx) से आने वाले कॉल के रूप में दर्शाते हैं. कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) के तहत फोन नंबर का डिस्प्ले किया जाना आवश्यक है. साइबर अपराधी कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी में हेर-फेर कर अपने फेक कॉल को भारत से आए कॉल के रूप में दिखाते हैं. जबकि, असल में साइबर अपराधी भारत के बाहर से कॉल कर रहे होते हैं.
साइबर अपराधी भारत के स्थानीय नंबर से कॉल कर जब किसी व्यक्ति का विश्वास जीत लेते हैं तो अपने मालवेयर से जुड़े उद्देश्यों को पूरा करने की कोशिश करते हैं. साइबर अपराधी विक्टिम के कॉल उठाए जाने के बाद किसी तरह से उनकी संवेदनशील और वित्तीय जानकारियों को पाने की कोशिश करते हैं. वे सरकारी अधिकारी, कानून प्रवर्तन अधिकारी या विक्टिम के परिवार का सदस्य बनकर पैसा या व्यक्तिगत डेटा निकलवाने की कोशिश करते हैं.
साइबर अपराधी विक्टिम को डराने के लिए कई बार उन पर किसी गैरकानूनी गतिविधी से जुड़े होने का इल्जाम लगाते हैं, जिसके बाद गिरफ्तारी के डर से विक्टिम, कॉलर को पैसे देने के दबाव में आ जाता है.
फर्जी कॉल को लेकर सरकार का कहना है, “देश में साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी कॉल का इस्तेमाल फाइनेंशियल फ्रॉड, सरकारी अधिकारियों के रूप में दहशत फैलाने के लिए किया गया है. दूरसंचार विभाग/ट्राई अधिकारियों द्वारा मोबाइल नंबर बंद करने, फर्जी डिजिटल अरेस्ट, कूरियर में ड्रग्स/नशीले पदार्थ मिलने, पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने, सेक्स रैकेट में गिरफ्तारी आदि की धमकी देने वाले साइबर अपराध के मामले भी सामने आए हैं.” इनसे निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
सरकार का नया स्पैम-ट्रैकिंग सिस्टम फर्जी नंबरों की पहचान कर ब्लॉक कर देता है, इससे पहले कि साइबर अपराधी विक्टिम तक पहुंच सके. सरकार के अनुसार, नए सिस्टम ने पिछले 24 घंटों में लगभग 1.35 करोड़ कॉल को स्पूफ कॉल के रूप में पहचाना और ब्लॉक किया है, जो आने वाली सभी इंटरनेशनल कॉल का कुल 90% है. इस सिस्टम के साथ भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं को +91-xxxxxxx नंबरों के साथ इस तरह की फर्जी कॉल में कमी देखने को मिलेगी.
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विमानों को बम धमकियों के मामले में सरकार ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, मेटा और एयरलाइन कंपनियों के साथ वर्चुअल मीटिंग भी की. मीटिंग में सरकार ने X और मेटा से पूछा कि आपने इन खतरनाक अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए क्या किया? जो हालात हैं उनसे जाहिर होता है कि आप जुर्म को बढ़ावा दे रहे थे. सरकार ने इन दोनों कंपनियों से सहयोग करने को कहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 9 दिनों में देश के 170 से ज्यादा विमानों को धमकियां दी गई हैं. इन धमकियों के चलते एविएशन सेक्टर को करीब 600 करोड़ का नुकसान हो चुका है. लगातार धमकियों के चलते केंद्र सरकार ने 4 बड़े कदम उठाए हैं.
– भारत एक्सप्रेस
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