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Anna Chakra : भारतीय खाद्य मंत्रालय ने लॉन्च किया ‘अन्न चक्र’, PDS सप्लाई चेन मजबूत होगी, ₹250 करोड़ भी बचेंगे

Food ministry Launches Anna Chakra: भारतीय खाद्य मंत्रालय ने ‘अन्न चक्र’ लॉन्च किया है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत खाद्यान्नों की आपूर्ति श्रृंखला को राज्य स्तर पर ऑप्टिमाइज करने का एक टूल है. इससे हर साल 250 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है, जो 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त गेहूं और चावल पहुंचाने में आने वाले परिवहन खर्चों में कमी करेगा.

रूट ऑप्टिमाइजेशन से लागत में कमी आएगी

इस प्रणाली के तहत 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, खाद्य मंत्रालय ने दावा किया है कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के गोदामों से राशन की दुकानों तक पहुंचने में यात्रा की दूरी 15 से 50% तक कम हुई है.

वर्ल्‍ड फूड प्रोग्राम और IIT दिल्ली का सहयोग

‘अन्न चक्र’ को वर्ल्‍ड फूड प्रोग्राम (World Food Programme) और IIT-Delhi के सहयोग से विकसित किया गया है. यह सिस्टम उन्नत एल्गोरिदम का उपयोग करके देशभर में खाद्यान्नों के परिवहन को ऑप्टिमाइज करता है, जिससे ट्रांसपोर्टेशन की लागत और समय दोनों में कमी आती है.

परिवहन लागत में बचत और पर्यावरणीय लाभ

इस प्रणाली से न केवल आपूर्ति श्रृंखला में सुधार हुआ है, बल्कि इससे परिवहन लागत में भी कमी आई है, जिससे ईंधन की खपत, समय और लॉजिस्टिक खर्चों में भी बचत होगी. इसके अलावा, इससे कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आएगी, क्योंकि कम दूरी तय करने से परिवहन संबंधित उत्सर्जन में कमी आएगी.

SCAN पोर्टल की लॉन्चिंग

इस अवसर पर खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने SCAN पोर्टल भी लॉन्च किया, जो राज्यों को खाद्य सब्सिडी क्लेम सबमिट और प्रोसेस करने के लिए एक एकीकृत प्रणाली प्रदान करेगा. यह पोर्टल कार्यप्रवाह ऑटोमेशन के माध्यम से फूड सब्सिडी रिलीज और सेटलमेंट प्रक्रियाओं को तेज करेगा.

अन्न चक्र गेमचेंजर: खाद्य सचिव

खाद्य सचिव सजनिव चोपड़ा ने कहा कि यह पहल पुराने सिस्टम में बदलाव लाकर एक क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने बताया कि खाद्यान्न के परिवहन मार्गों में बदलाव लाकर एक नई दिशा में कदम बढ़ाया गया है, जिससे पुरानी व्यवस्था की जगह अब अधिक प्रभावी और लाभकारी प्रणाली आई है.

यह पहल देश की खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम (food security programme) को और मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और आने वाले समय में इसके दूसरे चरण में मंडी से FCI गोदामों और राशन की दुकानों तक की आपूर्ति श्रृंखला को भी ऑप्टिमाइज किया जाएगा.

यह भी पढ़िए: भारत का जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात 448 मिलियन डॉलर तक पहुंचा, रंग लाईं APEDA की पहल और वैश्विक साझेदारियां

  • भारत एक्‍सप्रेस
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