UP Politics: योगी कैबिनेट के विस्तार और यूपी सरकार में शामिल होने की राह देख रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का बड़ा बयान सामने आया है. इशारे-इशारे में वह बहुत कुछ कह गए हैं. शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए जहां एक ओर उन्होंने ये कहा कि, उनके लिए मंत्री पद बहुत महत्व नहीं रखता. तो वहीं सपा से किए पुराने वादे को याद दिलाते हुए कहा कि, ‘याद करिए, जब मैं समाजवादी पार्टी के साथ था, तो मैंने कहा था कि भले ही अखिलेश हमारे लिए एक सीट भी न छोड़ें, हम सपा के साथ रहेंगे.’ जबकि वर्तमान में वह सपा का साथ छोड़ चुके हैं. ऐसे में राजभर क्या कहना चाह रहे हैं, फिलहाल तो वक्त बताएगा, लेकिन उनके बयान को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं और राजनीति गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है.
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए ओपी राजभर ने कहा कि, मंत्री पद उनके लिए ‘बहुत महत्व नहीं रखता’. इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि, क्या वह मंत्री नहीं बनाए जाने के बावजूद राजग के साथ बने रहेंगे? इस पर उन्होंने पुरानी बात याद करते हुए कहा कि, ‘याद करिए, जब मैं समाजवादी पार्टी के साथ था, तो मैंने कहा था कि भले ही अखिलेश हमारे लिए एक सीट भी न छोड़ें, हम सपा के साथ रहेंगे.’ बता दें कि योगी सरकार में शामिल होने को लेकर ओपी राजभर ने गत 10 सितंबर को भरोसा जताया था और कहा था कि, उनके साथ ही दारा सिंह चौहान को भी उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जाएगा. इसी बात को वह बार-बार दोहरा चुके हैं तो वहीं अब उनका इंतजार लम्बा दिखाई दे रहा है. तो वहीं पत्रकारों से बात करते हुए सुभासपा प्रमुख ने कहा, ‘मेरी प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री से बात हुई है. कुछ चीजें हैं, जो पहले से ही तय हैं. 2024 (लोकसभा चुनाव) में, हम एनडीए के साथ हैं.’
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राजभर ने मीडिया से बात करते हुए सुभासपा के मुजबूत होने को लेकर कहा कि, सभी 75 जिलों में सुभासपा सक्रिय है और दिन पर दिन मजबूत हो रही है. इसी के साथ कहा कि, ‘मेरे लिए मंत्री पद का कोई खास महत्व नहीं है. यह सिर्फ एक साधन है. और एक व्यक्ति, जिसने समाज के हित के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उसके लिए मंत्री पद का क्या महत्व है?’ इसी के साथ राजभर ने सुभासपा के विस्तार को लेकर कहा कि, प्रदेश के जिले के साथ ही सुभासपा अन्य राज्यों में भी आगे बढ़ रही है. उन्होंने आगे कहा कि, सुभासपा ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और 6 सीटें जीतीं. साथ ही राजभर ने ये भी कहा कि, उस वर्ष ओपी राजभर की पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया, जबकि समाजवादी पार्टी ने विपक्ष की पसंद यशवंत सिन्हा का समर्थन किया.
बता दें कि सुभासपा प्रमुख ने इसी साल जुलाई में सपा से गठबंधन तोड़ दिया था और औपचारिक रूप से एनडीए में शामिल हो गई था. जबकि 2017 में, भाजपा गठबंधन में रहते हुए सुभासपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा था और चार सीटें जीती थीं. सीएम योगी के पहले कार्यकाल के दौरान राजभर को मंत्री भी बनाया गया था, लेकिन सुभासपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद को अलग कर लिया और भाजपा से नाता तोड़कर सपा गठबंधन का हिस्सा हो गई थी, लेकिन जुलाई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद राजभर ने फिर से घर वापसी करते हुए एनडीए में लौट आए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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