Kolkata Doctor Rape-Murder Case: आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 14 अगस्त की रात को हुई तोड़फोड़ के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में कोलकाता के तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. मालूम हो कि यहां पर महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में जांच चल रही है. तो दूसरी ओर पूरे देश के चिकित्सकों में इस घटना को लेकर उबाल है और इसका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
बता दें कि कोलकाता पुलिस विभाग ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में मंगलवार को दो सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) और एक इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया. इन पर 15 अगस्त को ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप है. तीनों अधिकारी उस दिन अस्पताल में ड्यूटी पर थे. पुलिस कमिश्नर ने 16 अगस्त को कहा था, “यह हमारी गलती थी. डिप्टी कमिश्नर (उत्तर) के सिर पर चोट लगने के बाद, हमारे सुरक्षाकर्मी भ्रमित हो गए और उन्हें संभलने में समय लगा. पुलिस के जवान भी घायल हो गए. अगर आप इसे हमारी विफलता कहना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं.”
मालूम हो कि शहर के पुलिस अधिकारियों ने तीनों अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला ऐसे समय में लिया, जब कुछ घंटे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने 15 अगस्त को हुई तोड़फोड़ से निपटने में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए थे. गौरतलब है कि बर्बरता की रात, प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों ने शिकायत की कि अस्पताल परिसर में तैनात पुलिसकर्मी बाहरी लोगों द्वारा की जा रही तोड़फोड़ के दौरान मूकदर्शक बने रहे. यहां तक कि 16 अगस्त को भी कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने उस रात अपने अधिकारियों और जवानों की ओर से खामियों की बात स्वीकार की थी. उन्होंने माना कि पुलिस को यह अंदाजा नहीं था कि आर.जी. कर के सामने शांतिपूर्ण आंदोलन अचानक हिंसक हो जाएगा.
मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के बाद 14 अगस्त की रात बाहर से आए असामाजिक तत्वों ने कोलकाता में सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की थी. इसको लेकर आरोप है कि उन्होंने हत्या के साक्ष्य मिटाने के भी प्रयास किया. तोड़फोड़ की घटना तब हुई जब महिलाओं के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग कोलकाता की सड़कों पर उतरे और उसी अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की, जो इस जघन्य बलात्कार और हत्या की शिकार बनी थी. इस घटना के बाद शिकायतें सामने आईं कि तोड़फोड़ जानबूझकर की गई थी, ताकि स्वतःस्फूर्त विरोध से ध्यान भटकाया जा सके.
-भारत एक्सप्रेस
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